बॉडी ही नहीं समय-समय पर घर को भी डिटॉक्सीफाई करना है जरूरी, जानें कैसे
घर में कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो हमें बीमार कर रही होती हैं लेकिन हमें पता नहीं होता। जैसे प्लास्टिक डस्टर कुकवेयर आदि। तो किन चीज़ों को घर में रखें किन्हें करें दूर जानेंगे
घर की सफाई तो हम रोज़ाना करते हैं, पर क्या हमारा घर रोज़ाना जर्म फ्री हो पाता है। अच्छी सफाई के बावज़ूद हम पूरे विश्वास से नहीं कह सकते कि हमारा घर 100 प्रतिशत बैक्टीरिया फ्री है क्योंकि घर में ऐसे कई बैक्टीरिया स्पॉट्स होते हैं, जिन्हें हम अकसर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अगर हमें इनकी जानकारी हो, तो यकीनन हम अपने घर को जर्म फ्री व हेल्दी रख सकते हैं।
नॉनस्टिक कुकवेयर
हमारी सेहत के लिए नॉनस्टिक कुकवेयर कितने सुरक्षित हैं? एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ हद तक यह हमारे सेहत के लिए सही नहीं है। नॉन स्टिक पॉट्स और पैन से निकलने वाली जहरीली गैस सेहत पर बुरा असर डालती है। हो सके तो नैचुरल क्ले के बर्तनों में खाना पकाना शुरू कर दें। यह बहुत ही फायदेमंद होता है।
एयर फ्रेशनर्स
रूम फ्रेशनर्स का इस्तेमाल सेहत पर बुरा असर डालता है। एक अध्ययन के अनुसार, फ्रेशनर्स जैसी चीज़ों में खतरनाक केमिकल्स पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले टॉक्सिंस समय के साथ शरीर में जमा हो सकते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल कम से कम या बिलकुल न करें।
कटिंग बोर्ड रखें साफ
किचन के कटिंग बोर्ड पर किसी टॉयलेट सीट की तुलना में 20 गुना ज़्यादा कीटाणु होते हैं। इसलिए इसकी सफाई पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होती है। फल-सब्जि़यों और अन्य सामग्री के लिए मीट, चिकेन, फिश आदि नॉन वेज के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड रखें ताकि क्रॉस कंटैमिनेशन न हो। इन्हें एंटी बैक्टीरियल क्लीनर से क्लीन करें।
बाथरूम और हैंडल्स
बाथरूम मेें मौज़ूद नमी बैक्टीरिया को पनपने में काफी मदद करती है, यही कारण है कि हमें बाथरूम को हमेशा सूखा रखने की कोशिश करनी चाहिए। हमें यह ध्यान नहीं रहता कि टॉयलेट के हैंडल पर वायरस होते हैं। क्लीनिंग करते समय इसे अनदेखा न करें।
कैबिनेट्स और काउंटर्स
काउंटर्स पर कुछ न कुछ खाने का सामान गिरता रहता है, जिसके कारण फूड बैक्टीरिया तेज़ी से बढ़ते हैं, जो अस्थमा व एलर्जी का कारण हो सकते हैं। पानी में 1 टीस्पून क्लोरीन ब्लीच डालकर इसे साफ करें। कैबिनेट के कंटेनर्स को बंद करके ही रखें।
बर्तन या सब्ज़ी की ट्रॉली
नियमित रूप से बर्तन रखने वाली ट्रॉली को साफ रखें। खाने के तुरंत बाद बर्तनों को धोकर व अच्छी तरह पोंछकर और सुखाकर ही रखें।
फ्लोर से सीलिंग तक
नैचुरल पत्थर वाली फ्लोरिंग बेस्ट है, यह हीट कंट्रोलर है। यह सेहत के लिए अच्छी रहती है। इसकी सफाई के लिए केमिकल वाले क्लीनर्स की जगह विनेगर या हैंड सोप्स लिक्विड का इस्तेमाल करें। सीलिंग में ढेर सारी लाइट्स की जगह एलईडी व कम पावर की लाइट्स लगवाएं।
वॉल्स
दीवारों पर जमी धूल-मिट्टी में पनपते डस्ट माइट्स और पेंट सेहत के लिए नु$कसानदेह होते हैं। कुछ पेंट्स में वोलाटाइल ऑर्गेनाइक कंपाउंड्स (वीओसी) होता है, जो इंडोर एयर पॉल्यूशन का कारण बनते हैं। घर के लिए लो वीओसी पेंट्स और लेड फ्री मिल्क पेंट चुनें।
कारपेट, रग्स और शू रैक
समय-समय पर कार्पेट्स निकालकर धूप में रखें, जिससे इसमें बैक्टीरिया या फंगस न हों। वहीं जूते-चप्पलों के साथ आई गंदगी भी सेहत पर बुरा असर करती है। शू रैक को घर से बाहर ही रखें। इसे साफ रखें और कीटनाशक स्प्रे भी करवाएं।
किचन क्लीनिंग
बर्तन धोनेवाला स्पॉन्ज हो या किचन क्लोथ, अगर इन्हें सही तरह से साफ व स्टोर न किया जाए तो इनमें पनपते फंगस और असंख्य जीवाणु बर्तनों के जरिए हमारे शरीर में पहुंच सकते हैं। हर बार इस्तेमाल के बाद इसे तेज़ धूप में सूखने के लिए रख दें। ध्यान दें कि यह जितनी देर तक गीला रहेगा, कीटाणु उतनी ही तेज़ी से फैलेंगे। स्पॉन्ज को आप माइक्रोवेव में रखकर अच्छी तरह सैनेटाइज़ करना न भूलें।
हेल्दी होम टिप्स
1. किचन व बाथरूम को कीटाणुओं से बचाने के लिए नीम व लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करें।
2. नियमित रूप से किचन के सिंक और ड्रेन में 1/4 कप विनेगर डालें, ताकि वे जर्म-फ्री रहें।
3. एक स्प्रे बॉटल लें। आधे बॉटल में विनेगर भरें और आधे बॉटल में पानी भरकर इसे एंटी बैक्टीरियल क्लीनर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. घर में वेंटिलेशन व धूप दोनों ज़रूरी हैं इसके लिए परदे व दरवाज़े खोलकर रखें।