घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ आसपास के वातावरण को भी रह सकते हैं साफ वर्टिकल प्लांटेशन के जरिए
आज की महानगरीय जीवनशैली में घरों का आकार छोटा होता जा रहा है ऐसे में सुकून और हरियाली के लिए वर्टिकल गार्डन सुंदर और सुविधाजनक विकल्प हो सकता है इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह लेख।
आजकल बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को अपने घरों के आसपास पेड़-पौधे लगाने की सलाह दी जाती है, पर जगह की कमी के कारण कई बार उन्हें विवशता महसूस होती। फिर भी कहा जाता है न, जहां चाह, वहां राह। कुछ लोगों ने इसका भी बहुत सुंदर विकल्प खोज लिया है। भले ही बगीचे न सही, घरों में ही हरियाली का प्रबंध कर लिया जाए। दिल्ली और आसपास एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले लोग आजकल अपने घरों को वर्टिकल गार्डन से सजा रहे हैं।
क्यों है जरूरत?
मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट्स के इस दौर में ओपन स्पेस कम होता जा रहा है। एक-एक इंच जगह को इस्तेमाल किया जाता है जिससे स्पेस का अधिकतम उपयोग हो सके। इतनी लंबी-चौड़ी बैलकनी भी नहीं कि ग्रीनरी उगाई जा सके तो लोगों ने वर्टिकल प्लांटेशन कर घर के डेकोर में न सिर्फ एक नया स्टाइल जोड़ दिया बल्कि पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को भी एक खूबसूरत मोड़ दे दिया है। इंटीरियर डिजाइनर आकृति के मुताबिक, आने वाले कुछ वर्षों में यही ट्रेंड लोगों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय होगा। वह खुद दिल्ली और आसपास के कई घरों में वर्टिकल गार्डन के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं, जिसे काफी सराहना और प्रशंसा मिल रही है।
क्या है वर्टिकल प्लांटेशन?
वर्टिकल प्लांटेशन से उपजे इस स्टाइल को महानगरों में तेजी से अपनाया जा रहा है। इसमें दीवारों और छतों पर पाइप से जुड़े गमलों में पौधे लगाए जाते हैं। इन्हीं पाइप्स के जरिए पानी की सप्लाई होती है। वर्टिकल प्लांटेशन में शॉर्ट लॉवर पॉट्स, स्टील पॉट, शॉर्ट प्लांटेशन, एवर ग्रीन प्लांटेशन, हैंगिंग टैरेस, स्टैंड बाय जैसे तरीकों से प्लांटेशन किया जाता है।
गुरुग्राम के पर्यावरण विशेषज्ञ एम. सरूप गुप्ता कहते हैं कि 'इस प्रक्रिया में हैंगिंग व वर्टिकल वॉल्स पर प्लांटेशन होता है। बड़े-बड़े कॉप्लेक्स में कृत्रिम लाइटों की व्यवस्था विशेष रूप से की जाती है ताकि पौधों को पोषण मिलता रहे। विदेशों की तर्ज पर यह वर्टिकल प्लांटेशन अब भारत में भी अपनाया जाने लगा है। इससे पर्यावरण ठीक रहेगा और घर का माहौल भी। फिर आपके यहां आने वाले मेहमान इसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
वास्तु विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि रंग-बिरंगे पौधों से घर में हरियाली और शांति बनी रहती है। इसलिए अगर आपके पास छोटी-सी जगह हो तो भी उसे इंडोर प्लांट्स से ज़रूर सजाएं।
दीवारों पर खूबसूरत लगाएं
दीवारों व सीलिंग पर बेलें लगाने का ट्रेंड इन दिनों बहुत प्रचलित है क्योंकि इन्हें लगाना काफी आसान है। इनके लिए सिर्फ छोटे पॉट की आवश्यकता होती है। बागबानी के क्षेत्र में सात बार गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड के लिए नामांकित दिल्ली के मदन गोपाल कोहली कहते हैं, 'इस तरह की बेलें बहुत हलकी होती हैं और आसानी से फलती-फूलती हैं। इनमें प्रमुख हैं- सिंगोनियम, मनी प्लांट, मोनेसेरिया आदि। इनके लिए नीम की खली सबसे उपयुक्त खाद है।
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