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जुगनू से जगमगाते इन 5 तरह के खूबसूरत झूमर से बदलें मिनटों में घर का रंग-रूप

रोशनी का तिनका ही काफी है उत्सवों के साथ घर की रौनक बढ़ाने के लिए। लेकिन छतों पर झिलमिलाते झूमर अपनी छटा से हर शाम रोशन कर देते हैं। तो किस तरह के झूमर आपके घर के लिए हैं बेस्ट?

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 08:17 AM (IST)
जुगनू से जगमगाते इन 5 तरह के खूबसूरत झूमर से बदलें मिनटों में घर का रंग-रूप
जुगनू से जगमगाते इन 5 तरह के खूबसूरत झूमर से बदलें मिनटों में घर का रंग-रूप

झूमर से बिखरती सुरमयी आभा कमरे की सुंदरता में चार चांद लगा देती है। लटकते झूमर राजसी वैभव के प्रतीक हैं। लेकिन मार्केंट में मौजूद अलग-अलग वैराइटी और कीमतों में अवेलेबल झूमर से आप भी अपने घर के रंग-रूप को मिनटों में बदल सकते हैं। तो एक नजर डालें झूमर की इन अलग-अलग वैराइटी पर और चुनें अपने घर के लिए सबसे बेस्ट। 

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1. पीतल का फानूस- यह लंबे समय से बनते आ रहे हैं। वजन में भारी और कीमती पीतल के फानूसों पर ऑक्सोडाइज्ड की परत की जाती है जिससे इनकी चमक लंबे समय तक बनी रहती है। इसके चलते इनमें बार-बार पॉलिश नहीं करानी पड़ती। हजारों की कीमत में मिलने वाले ये फानूस दिल्ली और अलीगढ़ में बहुतायत में मिलते हैं।

2. एल्यूमिनियम के फानूस- ये फानूस देखने में उतने खूबसूरत तो नहीं लगते मगर जेब के लिहाज से किफायती होते हैं। 500 रुपए से हजार रुपए तक में मिल जाने वाले इन फानूसों से निम्न आयवर्ग वाले लोग अपनी कल्पना का साकार रूप इसमें देख लेते हैं।

3. लकड़ी के फानूस- इसको पसंद करने वाला एक विशेष उच्च वर्ग है। लकड़ी पर तराशी कारीगरी भारत की अमूल्य धरोहर है। सहारनपुर में लकड़ी पर कारीगरी बहुत ही सुंदर होती है। फानूस पर बनी बेल, फूल, पशु, पक्षी व अन्य कलाकृतियां करीगर अपनी कल्पनाशक्ति से तराशते हैं। वर्तमान में इनकी मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। लकड़ी पर जितना बारीक काम होता है, उतने ही अधिक इसके दाम होते जाते हैं। इन फानूसों को झाड़ने -पोछने के लिए मुलायम कपड़ा इस्तेमाल होता है साथ ही ये समय-समय पर पॉलिश की मांग भी करते हैं।

4. कट ग्लास फानूस- देखने में सबसे सुंदर लगने वाले इन फानूसों के बीच से झांकती बत्तियां मन मोह लेती हैं। फिरोजाबाद में इनका काम बड़ी बारीकी से होता है। यही से तैयार माल पूरे देश में जाता है। शीशे के बड़े-बड़े आलीशान फानूस पांच हजार से लेकर और भी अधिक दाम के होते हैं।बोन चाइना के फानूस- ये हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होते। अपने खास तरह की कलाकृतियों के कारण इनके आकर्षण का स्तर अलग ही होता है। सफेद रंग पर तरह-तरह की कलाकृतियों से जब रोशनी आर-पार होती है तो यह हर किसी को चित्ताकर्षक लगता है।

5. रत्नों से बना फानूस- जयपुर के प्रसिद्ध जौहरी पुखराज लूनिया ने रत्नों से जडि़त फानूस बनाया है। जांबिया का मखमली हरी घास सा पन्ना, कोनिया का लाल रंग के माणक्य, अफ्रीका के हल्की सी नीली झाई वाले चमचमाते हीरे से तैयार झूमर सोने से अलंकृत किया जाता है। छोटे-छोटे पननों की लडि़यों से हल्के व गहरे हरे रंग की पन्नों की लडि़यां मिलाकर पत्तियेां का आभास देती हैं। इसका व्यास 9 फीट, लंबाई 6 फीट और वजन 30 किलोग्राम है। विश्व में पहली बाहर लूनिया जी ने इतना बड़ा रत्न जडि़त फानूस बनाया है।

डॉ. उषा अरोड़ा 


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