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गुत्थी सुलझी: दंत रोगों के कारण नरभक्षी हुए सावो शेर

वैज्ञानिकों ने ताजा अध्ययन के आधार पर किया दावा, शिकार की कमी के कारण मानव मांस खाने को प्रेरित होने वाला पूर्व का सिद्धांत खारिज

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 20 Apr 2017 04:09 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 06:20 PM (IST)
गुत्थी सुलझी: दंत रोगों के कारण नरभक्षी हुए सावो शेर
गुत्थी सुलझी: दंत रोगों के कारण नरभक्षी हुए सावो शेर

वाशिंगटन, प्रेट्र। करीब एक दशक पहले दो सावो शेरों ने केन्या में कम से कम 35 इंसानों क अपना शिकार बनाया था। मृतकों में अधिकतर मजदूर थे, जिन्हें रेल ट्रैक के निर्माण में लगाया गया था। उस समय इन शेरों ने सिर्फ इंसानों को ही अपना शिकार क्यों बनाया था, वैज्ञानिक अब इसकी गुत्थी सुलझाने का दावा कर रहे हैं। उनके अनुसार, कुख्यात 'मैन-ईटिंग लायंस ऑफ सावो' ने यह इसलिए किया, क्योंकि दांतों की एक गंभीर बीमारी के कारण उनके लिए अन्य जानवरों का शिकार करना मुश्किल हो गया था। वैज्ञानिकों के इस अध्ययन ने उस सिद्धांत को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि संभवत: शिकार की कमी ने शेरों को इंसानों का मांस खाने के लिए प्रेरित किया हो।

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हालांकि दिसंबर 1898 में इन दोनों सावो शेरों को कर्नल जॉन हेनरी पैटरसन ने मार दिया था। मालूम हो, सावो शेरों के कारण केन्या-यूगांडा रेल ट्रैक का निर्माण भी प्रभावित हुआ था, जिसक ा तत्कालीन ब्रिटिश संसद में उल्लेख किया गया था।

'साइंटिफिक रिपोट्र्स' में प्रकाशित अध्ययन के सह-लेखक ब्रूस पैटरसन कहते हैं, 'शेरों ने ब्रिटिश साम्राज्य को उनके ट्रैकों पर तब रोक दिया, जब वे अपार शक्ति के मालिक थे।' हम इंसान मानते हैं कि फूड चेन (खाद्य शृंखला यानी जीवों का क्रम जिसमें एक जीव दूसरे को खाता है) में शीर्ष पर हैं, लेकिन वास्तव में ये अन्य जानवर शिखर पर हैं।'

उस समय (सावों शेरों द्वारा इंसानों को शिकार बनाने के दौरान) सावो क्षेत्र में एक-दो वर्षों तक सूखा पड़ा था और रिंडरपेस्ट नामक संक्रामक रोग फैल गया, जिससे स्थानीय वन्यजीव तबाह हो गए थे। शोधकर्ताओं ने सावो के 'मानव मांस खाने वाले शेरों' के दांतों की सूक्ष्म जांच की। शोधकर्ताओं के दल में अमेरिका की वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी शामिल थे। उन्होंने फील्ड म्यूजियम के कलेक्शन से इंसानों का मांस खाने वाले तीन शेरों के दांतों का अत्याधुनिक डेंटल माइक्रोवेयर (मुख संबंधी घटनाओं का निष्कर्ष निकालने की विधि) अध्ययन किया। इनमें दो सावो शेर और एक जांबिया में पाए जाने वाले मवे शेर के दांत थे, जिन्होंने 1991 में कम से कम छह मनुष्यों को अपना शिकार बनाया था।

शोधकर्ताओं का कहना है, 'यदि शेर भोजन के लिए हताश थे, तो इंसानों का शिकार करने वाले शेरों का डेंटल माइक्रोवेयर लकड़बग्घे की तरह होना चाहिए था। लकड़बग्घा अपने शिकार को चबाता और उसकी हड्डियों को हजम करता है। लेकिन सावो शेरों के दांतों में ऐसा कुछ नहीं दिखा।'

क्या होता है रिंडरपेस्ट

यह जानवरों में तेजी से फैलने वाला संक्रामक रोग है। आमतौर पर यह जानलेवा होता है। इसमें बुखार, दस्त और श्लेष्म झिल्ली सूज जाती है।

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