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Solar Eclipse 2019: आज है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें पूरे साल कितने तरह के होते हैं सूर्यग्रहण

Solar Eclipse 2019 ये पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा। चंद्रमा अपनी छाया से सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढंक पाएगा। ये भारत सिंगापुर सऊदी अरब ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में दिखेगा।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 11:59 AM (IST)
Solar Eclipse 2019: आज है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें पूरे साल कितने तरह के होते हैं सूर्यग्रहण
Solar Eclipse 2019: आज है साल का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें पूरे साल कितने तरह के होते हैं सूर्यग्रहण

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Solar Eclipse 2019: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज यानी 26 दिसंबर को लग रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू हुआ था। वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू हुई। सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर 1 बजकर 36 मिनट पर ख़त्म होगी। हालांकि ये पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा। चंद्रमा अपनी छाया से सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढंक पाएगा। 2019 के आखिरी सूर्यग्रहण को भारत, सिंगापुर, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के साथ कुछ दूसरे देशों में भी देखा जा सकेगा। 

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यह ग्रहण विशेष खगोलीय घटना है क्योंकि इस दिन सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखाई दे रहा है। भारत में सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। 

क्या होता है सूर्यग्रहण

जब चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो सूर्य ग्रहण लगता है। इस स्थिति में पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को चंद्रमा ढंक देती है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती। इसी को सूर्य ग्रहण कहते हैं।

तीन तरह के होते हैं सूर्य ग्रहण

1. पूर्ण सूर्य ग्रहण: पूर्ण सूर्यग्रहण को धरती के एक छोटे से हिस्से से ही देखा जा सकता है। इसमें पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य बिल्कुल एक लाइन में होते हैं। नासा के मुताबिक जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी को ढंकती है, उस वक्त पूर्ण सूर्य ग्रहण वही लोग देख सकते हैं, जो चंद्रमा की छाया के केंद्र में हों।

2. आंशिक सूर्य ग्रहण: इस तरह के सूर्य ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूरज के बहुत छोटे हिस्से पर पड़ती है। 

3. सालाना सूर्यग्रहण: इसमें चंद्रमा और धरती के बीच दूरी काफी बढ़ जाती है। यही वजह है कि चांद छोटा दिखता है। इसलिए जब ग्रहण जगता है तो चंद्रमा, सूरज को पूरी तरह से नहीं ढंक पाता। ऐसा लगता है कि किसी बड़े से गोले ने सूरज को ढंक रखा है। इस स्थिति में एक चमकीला रिंग बनता है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं। 


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