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'हिटलर भी, दोस्त भी' : जानें इन सेलेब्‍स की जिंदगी में मां का स्‍थान

मां शब्‍द का अहसास हर बच्‍चे के लिए खास होता है। हम चाहें जितने बड़े हो जाएं, मां के प्रति प्‍यार हमेशा वैसा ही रहता है। आइए जानते हैं कुछ सितारों की जिंदगी में मां का क्‍या है स्‍थान..

By abhishek.tiwariEdited By: Published: Fri, 12 May 2017 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 14 May 2017 12:25 PM (IST)
'हिटलर भी, दोस्त भी' : जानें इन सेलेब्‍स की जिंदगी में मां का स्‍थान
'हिटलर भी, दोस्त भी' : जानें इन सेलेब्‍स की जिंदगी में मां का स्‍थान

दिल में मां, जुबां पर भी मां

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सुबह का पहला फोन मां का, रात का आखिरी फोन बेटी का। मां और बेटी जब तक दिनभर की बात आपस में डिस्कस न कर लें, बेचैनी बनी रहती है। व्यस्त जिंदगी में हर काम के लिए समय की कमी है, लेकिन मां से बात करने पर कोई राशनिंग नहीं। आधुनिक लाइफ स्टाइल में बहुत कुछ बदला है, लेकिन मां से कनेक्ट बढ़ा ही है। बहुत खूबसूरत है मां-बेटी का हर दिन परवान चढ़ता रिश्ता। इस डोर का कोई छोर नहीं है। दिल में रहती है मां और जुबां पर भी बना रहता है नाम मां का...

यशा माथुर

रोज का रिश्ता है मां से। बेशक दूर रहें, लेकिन कनेक्ट कभी कम नहीं होता। अपनी मां से हर दिन बात करती हैं शुभ्रा। मां से बातकर उनका मन खुश हो जाता है। उनकी बेटी आस्था की भी गुड मार्निंग और गुड नाइट मां शुभ्रा से बात करके ही होती है। अपने हर काम की रिपोर्ट देती हैं रोज। अपनी मां और अपनी बेटी से बात करने के बाद शुभ्रा सुकून से अपने काम पर निकल जाती हैं। दिन में एक या दो बार अपनी मां से बात करना, उनका हाल पूछना और बेटी आस्था का कॉल आना, रोज की दिनचर्या में शुमार है। नहीं बात हो तो कुछ बेचैनी रहती है। आस्था भी जब तक मां को हर बात न बता दें चैन नहीं आता। ऐसा ही रिश्ता है मां और बेटी का। प्यार का स्वरूप दिखता है शेयरिंग में। जितनी भी उलझनें हों जिंदगी की, मां से बात करने पर हल्की हो जाती हैं। 

सवारी एक नाव की 

स्कूल-कॉलेज के जमाने में बेशक मां और बेटी के विचारों में टकराहट हो, लेकिन शादी के बाद रिश्ता और गहरा जाता है, क्योंकि अब बेटी मां को और अच्छी तरह से समझने लगती है। ऐसा ही कुछ कहती हैं फैशन सोशल नेटवर्क एंटरप्रेन्योर सिद्धिका गुप्ता। मां सुनीता गुप्ता से शेयरिंग बताते हुए वह कहती हैं, तीन साल पहले मेरी शादी हुई है। पहले मैं सोचती थी कि शादी के बाद मां से रिश्ता थोड़ा कम हो जाएगा, लेकिन अब रिश्ता और गहरा हो गया है, क्योंकि मैं उनकी लाइफ को ज्यादा अच्छी तरह से समझने लगी हूं। अब हम एक ही नाव के सवार हैं। पहले मेरी जिंदगी अलग थी, लेकिन अब उनसे डिस्कस करने के लिए मेरे पास बहुत सी चीजें हैं। कॉलेज के टाइम से कंपेयर करें तो अब मैं उनके साथ ज्यादा बातें करती हूं। न केवल अपनी दिनचर्या बताती हूं, बल्कि जिंदगी के सबक भी उनसे सीखती हूं। सिद्धिका बताती हैं कि उन्हें मां ने एक बात सिखाई कि अपना व्यू प्वाइंट हमेशा रखना चाहिए। अपनी सोच और विश्वास को जाहिर करना चाहिए, लेकिन उसे पूरा करने की न तो कोई शर्त हो और न ही आकांक्षा यानी अगर मन की बात पूरी न हो तो निराश न हों। 

सपनों की हमराही 

आज की मांएं बेटी के सपनों के बीच नहीं आतीं, बल्कि हमराही बन जाती हैं। साथ हो लेती हैं बेटी के और कहती हैं उड़ जाओ, आसमान तुम्हारा है। टीवी कलाकार वेहबिज दोराबजी कहती हैं, मेरी मॉम फिरोजा दोराबजी ने मेरे सपनों को समझा और हर कदम पर मेरा साथ दिया। मॉम के साथ रहते इस ग्लैमर की दुनिया में भी मैंने खुद को कभी अकेला नहीं पाया। वह मेरा कॉन्फिडेंस हैं। मेरी मजबूती का आधार हैं। आज मैं जो भी हूं उनकी बदौलत ही हूं। अभिनेत्री सरगुन मेहता भी मानती हैं कि मां अराधना मेहता की वैल्यूज की बदौलत ही वह आज एक सफल जीवन जी पा रही हैं। कहती हैं सरगुन, उन्होंने मुझे मन का काम करने की आजादी दी, सपने देखना सिखाया, जो भी है उसमें खुश रहने और संतुष्ट रहने के लिए कहा। भगवान का दर्जा देती हूं मैं उन्हें। 

कामकाजी मां एक आदर्श 

कामकाजी मांएं बेशक इस अपराधबोध से ग्रस्त रहती हैं कि वे अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाती हैं, लेकिन जब बच्चे उन्हें समझने लगते हैं तो उन्हें ही आदर्श मान लेते हैं। फिटपास की डायरेक्टर आरुषि वर्मा कहती हैं, मैं अपनी मां डा. अनीता कामरा वर्मा के बहुत करीब हूं। मेरी मॉम दिल्ली विश्वविद्यालय में हैं। वह घर को बहुत अच्छी तरह से मैनेज करती हैं और हमें भी उन्होंने अच्छी परवरिश दी है। मैं उनसे वर्क-लाइफ बैलेंस सीखती हूं। शॉपोटोक्स डॉट कॉम की एमडी जिमी कौल भी कहती हैं कि मेरी मां लता कौल ने मुझे अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मुझसे हर तरह की बात की। वह मेरी गाइड हैं और मेंटोर हैं। मैंने अपने जीवन के हर उतार-चढ़ाव में मां से बात की और उनसे गाइडेंस ली। वह खुद सरकारी सेवा में रही हैं तो मेरे वर्क प्रेशर को और मुझे अच्छी तरह से समझती हैं। 

मां की सीख टर्निंग प्वाइंट 

मां जो भी हिदायतें देती हैं, जो हौसला देती हैं वह कभी-कभी जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट बन जाता है। ऐश्वर्या राय को हरा कर मिस यूनिवर्स बनीं सुष्मिता सेन ने एक इवेंट में बताया था कि जब मैं मिस इंडिया के लिए फॉर्म भरने गई तो वहां मुझे बताया गया कि ऐश्वर्या राय के भाग लेने के कारण 25 पार्टिसिपेंट्स ने अपना नाम वापस ले लिया है, लेकिन मैं एप्लीकेशन फॉर्म घर ले आई। घर आने के बाद मां से ऐश्वर्या के हिस्सा लेने की बात शेयर की तो मां ने कहा कि इतनी सी बात से डर गई। आसानी से जीतने वाली प्रतियोगिता कोई प्रतियोगिता नहीं होती। हारना है तो सुंदर लड़की से हारो। जीतने का मजा ही टफ कॉम्पिटिशन में है। मां की सीख सच साबित हुई, मैंने ऐश्वर्या को हरा दिया। 

हर रूप में मां सपोर्टिव

मां हर रूप में बहुत सपोर्टिव होती हैं। मदर इन लॉ ऊषा गर्ग के साथ रहती हूं। उनके साथ भी बहुत कनेक्टेड हूं। बारह घंटे ऑफिस में रहती हूं, लेकिन वह मेरे काम को सपोर्ट करती हूं। वह समझती हैं कि मेरा वर्क टाइम क्या है। अगर मैं घर का कोई काम नहीं भी कर पाऊं तो भी वह मुझ पर अपनी उम्मीदों का बोझ नहीं डालतीं। मेरी मां और मेरी मॉम इन लॉ से मैं अपनी मुश्किलों के समाधान भी पा जाती हूं। 

-सिद्धिका गुप्ता, हेड ऑफ फैशन, रोपोसो, फैशन सोशल नेटवर्क 

जिंदगी खुद की, चिंता मां की

आजकल माहौल बदला है। बच्चों को बहुत एक्सपोजर है। मेरी तीस साल की बेटी है अदिति चड्ढा। उसका अपना मन है, अपने सोचने का तरीका है। वह मुंबई में अपने तरीके से अपनी जिंदगी जी रही है, लेकिन वह मेरी, मेरी मां व सासु मां की बहुत चिंता करती है। अगर मैं बीमार होती हूं, सफर कर रही होती हूं या रात में काम के सिलसिले में बाहर होती हूं तो वह लगातार पूछती रहती हैं। मेरी सास बीमार हैं तो लगातार फोन करके उनका भी हाल लेती रहती है। 

-रत्ना चड्ढा, चीफ एग्जीक्यूटिव, टायरन ट्रैवल मार्केटिंग 

हर बात समझती हैं मेरी

मां से हर दिन की बात शेयर करती हूं। अपनी मुश्किलें डिस्कस करके बहुत हल्की हो जाती हूं। वे मेरी हर बात समझती हैं। दृढ़ संकल्प और काम के प्रति गंभीरता सीखी है मैंने उनसे। 

-आरुषि वर्मा, डायरेक्टर व प्रोडक्ट लीड, फिटपास 

हिम्मत मत हारो

मां के साथ बहुत पावरफुल बॉन्डिंग है। उनका प्यार नि:स्वार्थ है। दोस्ती भी है हमारी। वह मेरी प्रेरणा हैं। हमेशा पॉजिटिव रहती हैं। मैं कभी गलत सोचने लगती हूं तो वह मुझे पॉजिटिविटी देती हैं। हर दिन सुबह-शाम उनसे बात करती हूं। मुझे नहीं लगता कि कोई दिन ऐसा गया हो कि मैंने उनसे बात की है। अगर ऑफिस की समस्या होती भी है तो वह कहती हैं हिम्मत मत हारो। 

-जिमी कौल, एमडी व को-फाउंडर, शॉपोटोक्स डॉट कॉम 

गजब टेलीपैथी है उनकी

मैं एक शब्द भी नहीं बोलूं, पूरी बात समझ जाती हैं मां संध्या चक्रवर्ती। किस समय मैं क्या महसूस कर रही हूं, उन्हें पता लग जाता है। गजब टेलीपैथी है उनकी। उनका आशीर्वाद अनमोल है। 

-रिया चक्रवर्ती, अभिनेत्री 

मां हैं गुरु

मां अनुराधा पोडवाल मेरी गुरु हैं। जिंदगी का हर पहलू उनसे सीखा है। अपनी हर पर्सनल और प्रोफेशनल प्रॉब्लम को हम आपस में शेयर करते हैं। 

-कविता पोडवाल, गायिका 

हिटलर भी, दोस्त भी

मेरी दुनिया हैं मां अनिमा भट्टाचारजी। कभी दोस्त हैं तो कभी हिटलर भी। मैंने सेट पर क्या खाया, क्या शूट किया, हर चीज बताती हूं उन्हें। मेरी हर मुश्किल का हल है उनके पास। उनके बिना अधूरी हूं मैं। 

-देवोलीना भट्टाचारजी, टीवी एक्टर 

यकीन की डोर मजबूत

दोस्तों से ज्यादा मां सुमन शर्मा पर यकीन है मुझे। वह भी पूरा विश्वास करती हैं मुझ पर। पर्सनल स्पेस देती हैं और अगर मैं कभी उदास हो जाती हूं तो बहुत प्यार से समझाती हैं। वह मेरी दुनिया हैं और मैं उनकी। 

-महिका शर्मा, मॉडल, मिस टीन नॉर्थईस्ट इंडिया 


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