International Day Of Women & Girls In Science: जानें क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस
International Day Of Women Girls In Science UNESCO के मुताबिक करीब 30 प्रतिशत छात्राएं ने इस साल उच्च शिक्षा के लिए STEM से संबंधित क्षेत्रों का चयन किया है। महिला छात्राएं प्राकृतिक विज्ञान आईसीटी गणित-सांख्यिकी और निर्माण इंजीनियरिंग और मैनूफैक्चरिंग में विशेष रूप से कम है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Day Of Women & Girls In Science: हर साल 11 फरवरी का दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल इस इवेंट के आयोजन को 6 साल हो गए हैं। इस साल इसकी थीम है "कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे महिला वैज्ञानिक"।
UNESCO के मुताबिक, करीब 30 प्रतिशत छात्राएं ने इस साल उच्च शिक्षा के लिए STEM से संबंधित क्षेत्रों का चयन किया है। विश्व स्तर पर, महिला छात्रों का नामांकन प्राकृतिक विज्ञान, आईसीटी, गणित-सांख्यिकी और निर्माण, इंजीनियरिंग और मैनूफैक्चरिंग में विशेष रूप से कम है।
अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस का इतिहास
साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दिन को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा लागू किया गया था। यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है। ऐसे में यह युवा लड़कियों को उनकी शिक्षा में सहायता प्रदान करता है और उन्हें अवसर प्रदान करता है। यूएजीए का लक्ष्य महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण और समान पहुंच और भागीदारी हासिल करना है। इसका लक्ष्य लैंगिक समानता हासिल करते हुए विज्ञान को बढ़ावा देना हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस का महत्व
विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है, जो शिक्षा में लड़कियों का समर्थन करना और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करना है।
अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस की थीम
साल 2021 की थीम है, "कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे महिला वैज्ञानिक"। यह विषय विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी में सामाजिक पहलुओं और सांस्कृतिक आयामों के मूल्य पर केंद्रित है।
बता दें कि इस साल कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान उन महिलाओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो कोरोना के खिलाफ दुनिया की लड़ाई के दौरान आगे खड़ी थीं। साथ ही सतत विकास, लिंग समानता और विज्ञान के लिए 2030 एजेंडा के महत्वपूर्ण हिस्सा पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।