Move to Jagran APP

Kargil Vijay Diwas: कब शुरू हुआ कारगिल संघर्ष और कब मिली विजय, तारीखों के जरिए जानें हर एक डिटेल

Kargil Vijay Diwas भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर के कारगिल में छिड़े युद्घ को दो दशक से भी ज्यादा समय हो गए हैं। इस संघर्ष की शुरुआत कब हुई और कब हुआ अंत जानेंगे हर एक डिटेल।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:11 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:11 AM (IST)
Kargil Vijay Diwas: कब शुरू हुआ कारगिल संघर्ष और कब मिली विजय, तारीखों के जरिए जानें हर एक डिटेल
भारतीय झंडे के साथ सेना के जवान

देश 22वां कारगिल विजय दिवस मनाने जा रहा है। यह खास दिन देश के उन वीर सपूतों को समर्पित है, जब तमाम मुश्किलों को पार करते हुए भारत के जाबंजों ने 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़कर दुर्गम चोटियों पर विजय पताका फहराई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर के कारगिल में छिड़े युद्घ को दो दशक से भी ज्यादा समय हो गए हैं। इस संघर्ष की शुरुआत कब हुई, भारतीय रणबांकुरों ने किस तरह यह सफलता अर्जित की, इसकी शौर्यगाथा को चंद शब्दों में नही समेटा जा सकता। तो आइए आपको संक्षेप में तारीखों के जरिए पूरे घटनाक्रम और भारत की विजयगाथा से रूबरू कराते हैं।

loksabha election banner

3-15 मई 1999

भारतीय सेना के गश्ती दल को कारगिल में घुसपैठियों के बारे में पता चला। वास्तव में यह जानकारी ताशी नामग्याल नाम के एक चरवाहे ने सेना को दी थी।

25 मई 1999

भारतीय सेना ने स्वीकार किया कि 600-800 घुसपैठियों ने एलओसी पार किया है और कारगिल में और उसके आसपास उन्होंने अपना ठिकाना बना लिया है। इसके बाद भारतीय सेना के और जवानों को कश्मीर रवाना किया गया।

26 मई 1999

भारत ने जवाबी कारवाई करते हुए घुसपैठियों के ठिकानों पर हमले किए। इसमें भारतीय वायुसेना के विमानों की भी मदद ली गई।

27 मई 1999

फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता का विमान मिग-27 आग की लपटों में घिर गया। वह पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाके में जा पहुंचे, जहां उन्हें युद्धबंदी बना लिया गया। इसी दौरान एक अन्य मिग-21 विमान को मार गिराया गया, जिसे स्क्वाड्रनन लीडर अजय आहूजा उड़ा रहे थे। इसमें वह शहीद हो गए।

31 मई 1999

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति का ऐलान किया।

1 जून 1999

तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर जॉर्ज फर्नांडीस ने घुसपैठियों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए सेफ पैसेज की पेशकश की, जिस पर विवाद भी पैदा हुआ। इस बीच पाकिस्तान ने हमेलों को तेज कर दिया। भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया।

3 जून 1999

पाकिस्तान ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट नके नचिकेता को सद्भावना के तौर पर भारत को सौंप दिया।

10 जून 1999

पाकिस्तान ने जाट रेजिमेंट के छह सैनिकों के क्षत-विक्षत शव भारत को भेजे।

13 जून 1999

भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तोलोलिंग चोटी को फिर से अपने कब्जे में ले लिया।

15 जून 1999

अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत कर अपने सैनिकों को कारगिल से बाहर निकलने के लिए कहा।

23-27 जून 1999

अमेरिकी जनरल जिन्नी ने इस्लामाबाद का दौरा किया। जिसमें नवाज शरीफ से फिर पीछे हटने के लिए कहा गया।

4 जुलाई 1999

भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर कब्जा कर किया। इस बीच बिल क्लिंटन वाशिंगटन डीसी में नवाज शरीफ से मिले और उन पर सेना को वापस बुलाने का दबाव बनाया।

11 जुलाई 1999

पाकिस्तानी सैनिक पीछे हटने लगे। भारत ने बटालिक में प्रमुख चोटियों पर कब्जा किया।

12 जुलाई 1999

नवाज शरीफ ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की और वाजपेयी के साथ वार्ता का प्रस्ताव रखा।

14 जुलाई 1999

वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय को सफल घोषित किया। सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए शर्त रखी।

26 जुलाई 1999

कारगिल युद्ध आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। इस खास दिन को भारत में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Pic credit- Pixabay


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.