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International Day of Charity 2020: आज है अंतरराष्ट्रीय दान दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

International Day of Charity 2020संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 2012 में 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने की घोषणा की।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 12:39 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 12:39 PM (IST)
International Day of Charity 2020: आज है अंतरराष्ट्रीय दान दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व
International Day of Charity 2020: आज है अंतरराष्ट्रीय दान दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Day of Charity 2020: हर साल 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस यानी इंटरनेशनल चैरिटी डे मनाया जाता है। इस दिन भारत में शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है। इसे सबसे पहली बार हंगरी में मनाया गया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2012 में हर साल 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने की घोषणा की। उस समय से हर साल 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जरूरतमंदों की सहायता करना है। इसके लिए दान दिया जाता है। भारत में दान की प्रथा प्राचीन काल से है। आइए अंतरराष्ट्रीय दान दिवस के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का इतिहास

भारत में प्राचीन समय से दान देने और लेने की प्रथा है। वैदिक काल में ब्राह्मण भिक्षा याचन करते थे। जबकि लोग उन्हें दान देकर कृतार्थ होते थे। जबकि गुरुकुल में भी शिक्षा हेतु दक्षिणा देने की प्रथा है। ऐसा कहा जाता है कि मानव जीवन में सबसे बड़ी सेवा परोपकार और दान है। इस मद्देनजर हंगरी में 2011 में संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें दान इकठ्ठा करने का उल्लेख था। इस विधेयक को सर्वसम्मिति से पास कर दिया गया।

इसके लिए एक चैरिटी का आयोजन किया गया। इस चैरिटी में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और दिल से अपनी क्षमता अनुसार दान किया। यह आयोजन पूरी तरह से सफल रहा। इस सफलता पर संज्ञान लेते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 2012 में 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद से दुनियाभर में हर साल 5 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दान दिवस मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय दान दिवस का उद्देश्य केवल और केवल  जरूरतमंदों की मदद करना और गरीबी हटाना है। इसके लिए यूनिसेफ ने एक संकल्प भी पारित किया है। इस संकल्प पत्र के अनुसार, 2030 तक दुनिया को गरीबी से मुक्त करना है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो पिछड़े हैं। इन देशों में गरीबी अपने चरम पर है। इन देशों की मदद करना हमारी नैतिक जिम्मेवारी है। इसके लिए दान लेकर जरूरतमदों को आर्थिक सहयोग किया जाता है। इसके साथ ही समाज में पिछड़े और गरीब लोगों की भी सहायता करनी चाहिए।


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