Move to Jagran APP

Indian Air Force Day: खुले आसमान से देश की सुरक्षा में तैनात 5 डेडली कॉम्बिनेशन वाले लड़ाकू विमान

आज इंडियन एयरफोर्स बेहद गर्व के साथ अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। यह गर्व इस बात का भी है कि राफेल सहित कुछ और शक्तिशाली लड़ाकू विमानों व हेलीकॉप्टर्स के इसकी अलग-अलग स्क्वाड्रनों में शामिल होने से हमारी वायुसेना अब पहले से और ज्यादा शक्तिशाली हो चुकी है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 11:41 AM (IST)
Indian Air Force Day: खुले आसमान से देश की सुरक्षा में तैनात 5 डेडली कॉम्बिनेशन वाले लड़ाकू विमान
आसमान से देश की सुरक्षा में तैनात फाइटर जेट

किसी भी देश के लिए अपनी नभ, थल और जल की सीमाओं की सिक्योरिटी टॉप प्रियोरिटी पर होती है। भारत की आकाशीय सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी इंडियन एयरफोर्स के पास है। दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर इंडियन एयरफोर्स के पास इस वक्त 1820 से ज्यादा एयरक्राफ्ट्स हैं, लेकिन इनमें भी कई ऐसे फाइटर जेट्स हैं, जिन्होंने युद्ध के समय दुश्मन को अकेले ही धराशायी कर दिया। राफेल के आने से तो एयरफोर्स की सभी एयर स्क्वाड्रन कई गुना ज्यादा ताकतवर हो गई है।  8 अक्टूबर यानि एयरफोर्स डे के मौके पर जानेंगे एयरफोर्स के ऐसे ही टॉप- 5 फाइटर जेट्स के बारे में, जिनका 'डेडली कॉम्बिनेशन' पलक झपकते ही दुश्मन को धूल चटा सकता है।

loksabha election banner

1. मिग-29

कौन बनाता है

रूस के मिकोयान एविएशन साइंटिफिक इंडस्ट्रियल कॉम्प्लैक्स में इसका निर्माण होता है। इसे वायुसेना में बाज भी कहा जाता है।

कीमत- 300 करोड़ रुपए

खासियत

यह टू इंजन विमान है। यह सिंगल और ट्विन सीटर दोनों वेरिएंट में आता है।

2445 किमी इसकी अधिकतम स्पीड है।

इससे एंटी शिप मिसाइल छोड़ी जा सकती है। 500-500 किलों के दो बम गिराए जा सकते हैं।

कब कमीशन हुआ

1985 में वायुसेना में जगह मिली। यह अमेरिका के एफ-15 और एफ-16 जेट के जवाब में तैयार किया गया था। भारत के पास अभी मिग- 29 की तीन स्क्वाड्रन हैं। सरकार ने जुलाई की शुरुआत में 21 नए मिग 29 विमान खरीदने का ऑर्डर दिया है।

कारगिल युद्ध के हीरो

कारगिल युद्ध में मिग-29 ने बखूबी अपने काम को अंजाम दिया था। इन विमानों ने मिराज- 2000 को एस्कॉर्ट किया था। सुखोई के बाद देश की दूसरी डिफेंस लाइन है।

2. मिराज- 2000

कौन बनाता है

दसौ एविएशन, यही कंपनी राफेल फाइटर जेट भी बनाती है। इसे भारतीय वायुसेना में 'व्रज' भी कहा जाता है।

कीमत- 230 करोड़ रुपए

खासियत

अधिकतम स्पीड 2495 किमी प्रतिघंटा है।

सिंगल सीटर और सिंगल इंजन विमान है।

नौ तरह के अस्त्र ले जा सकता है। इसमें हाई फायरिंग रेंज की दो 30 एमएम बंदूकें हैं।

इससे 1000 किलो तक के लेजर गाइडेड बम गिराए जा सकते हैं।

कब कमीशन हुआ

भारतीय वायुसेना में यह 1985 में शामिल हुआ। पाके के एफ-16 लड़ाकू विमानों के जवाब में भारत ने 1982 में 40 मिराज-2000 फाइटर जेट खरीदे थे। 2004 में 10 और मिराज-2000 विमान खरीदे गए थे।

सर्जिकल स्ट्राइल में योगदान

1999 में कारगिल की जंग में इसका बड़ा योगदान था। पुलवामा में सीआरपीएफ काफइले पर हमले के बाद मिराज-2000 से ही बालाकोट एयर स्ट्राइल की गई थी।

3. राफेल

कौन बनाता है

फिफ्थ जेनरेशन के फाइटर जेट कहे जाने वाले राफेल का निर्माण दसौ एविएशन कंपनी द्वारा किया जाता है। इन्हें 'तूफान' के नाम से भी जाना जाता है।

कीमत- 670 करोड़ रुपए

खासियत

ट्विन इंजन मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट से लैस। इसमें बेहद घातक मीटिऑर, हैमर और स्काल्प मिसाइलें भी लगी हुई हैं।

अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।

1 मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई और 2500 फायर करने में सक्षम।

कब कमीशन हुआ

10 सितंबर 2020 को इंडियन एयरफोर्स में ऑफिशियली 5 राफेल फाइटर जेट शामिल हुए। अब यह सभी अंबाला एयरबेस के 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन का हिस्सा हैं। इसी महीने 4 और राफेल भारत आ रहे हैं।

टेंशन में चीन और पाकिस्तान

पांच राफेल विमानों की पहली खेप 27 जुलाई को ही भारत आयी थी। राफेल के आने से चीन और पाक जबर्दस्त टेंशन में आ गए हैं।

4. सुखोई- 30 एमकेआई

कौन बनाता है

रूस की सुखाई कंपनी ने तैयार किया। अब इसे भारतीय कंपनी एचएएल बनाती है। इसे 'फ्लैंकर (किला)' भी कहा जाता है।कीमत- करीब 358 करोड़ रुपए

खासियत

यह फाइटर जेट हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है।

अधिकतम स्पीड 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह टू सीटर और टू इंजन विमान है।

इस विमान में ब्रहमोस मिसाइल भी लगाई गई है, जिससे इसकी मारक क्षमता बढ़ी है।

कब कमीशन हुआ

साल 1997 में रूस ने भारत को पहला सुखोई विमान दिया। अभी तक एयरफोर्स में 290 सुखोई विमान इस्तेमाल किए जाने का अनुमान है। सरकार ने जुलाई, 2020 में 12 नए सुखोई-30 का ऑर्डर दिया है।

कलाम ने भी सलाम

74 वर्ष की उम्र में डॉ. कलाम ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। स्पेशल फीचर्स की जानकारी पर डॉ. कलाम भी सुखाई को सलाम किए बगैर नहीं रह सके।

5. मिग-21 बाइसन

कौन बनाता है

रूस के मिकोयान एविएशन साइंटिफिक इंड्रस्ट्रियल कॉम्प्लैक्स में निर्माण होता है।

कीमत- साल 1974 में इस विमान की कीमत 14 करोड़ रुपए के करीब थी।

खासियत

दुनिया का पहला सुपरसोनिक यानि ध्वनि की गति से तेज उड़ने वाला लड़ाकू विमान है।

इसे वायुसेना की रीढ़ भी कहा जाता था। यह सिंगल सीटर, सिंगल इंजन विमान है।

2230 किमी प्रतिघंटा अधिकतम स्पीड। यह क्रैश होने के चलते भी काफी बदनाम हुए।

कब कमीशन हुआ

भारत ने साल 1961 में मिग 21 को पहली बार खरीदा था। 1964 में यह वायुसेना में शामिल हुआ। तब से करीब 250 मिग 21 विमान रूस से खरीदे गए।

1971 की जंग में पाक को धूल चटाई

यह दुनिया का सबसे मशहूर लड़ाकू विमान है। 1971 में भारत-पाकिस्तान की जंग में इन लडा़कू विमानों ने निर्णायक भूमिका निभाई थी। साल 2019 में मिग-21 विमान से ही विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ- फाइटर जेट को मार गिराया था।

Pic credit- https://www.freepik.com/premium-photo/military-fighter-jet-flies-sky-clouds_9673013.htm#page=2&query=fighter+jets&position=11


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.