जॉब चली जाने की वजह से अगर आप भी इन दिनों कर रहें हैं फ्रीलांसिंग, तो ऐसे करें स्पीड और डेडलाइन मेंटेन
नौकरी करते-करते अचानक फ्रीलांसिंग बेहद मुश्किल होती है। सबसे बड़ी समस्या स्पीड बनाए रखने और डेडलाइन मेंटेन करने के रूप में सामने आती है। तो एक फ्रीलांसर के रूप में कैसे इसका सामना करें जानने के लिए यहां गौर फरमाएं।
कोरोना संकट की वजह से जॉब खोने वाले बहुत से लोग इन दिनों फ्रीलांसर के रूप में कार्य कर रहे हैं। आप भी उनमें से हैं, तो यहां दिए जा रहे टिप्स आज़माकर प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकते हैं।
रूटीन बनाएं
फ्रीलांसिंग के दौरान कुछ लोग कभी दिन तो कभी रात में काम करते हैं, यह गलत है। समय का सम्मान जरूरी है, इसलिए रूटीन वही रखें, जो दफ्तर जाते वक्त था। अपवाद छोड़कर इस रूटीन का सख्ती से पाल करें। इसके दो फ़ायदे होंगे। एक तो ज़िदगी में अनुशासन बना रहेगा, दूसरा समय पर काम निपटने से क्वॉलिटी कंट्रोल हो पाएगा।
जगह तय करें
जैसे ऑफिस में आपकी एक जगह होती है, उसी तरह फ्रीलांस करते वक्त अपने लिए एक जगह सुनिश्चित करें। वहां टेबल, चेयर, कंप्यूटर, इंटरनेट के साथ-साथ प्रोफेशन के हिसाब से जरूरी चीज़ों की व्यवस्था करें। अपनी कल्पना से उस जगह को सजाकर ऑफिस का लुक दें। इससे कंसंट्रेशन और कार्यक्षमता में इज़ाफा होगा।
डेड लाइन मेंटेन करें
एक फ्रीलांसर के सामने सबसे बड़ी चुनौती डेडलाइन मेंटेन करने की रहती है, क्योंकि समय पर काम खत्म करने संबंधी दबाव बनाने के लिए कोई नहीं होता। इस चुनौती से निपटने के लिए काम को टाले नहीं। अच्छा और वक्त पर काम कंप्लीट कर क्लाइंट को सौंपे। इस पर ही आपकी प्रोफेशनल इमेज़ टिकी है। साथ ही, वर्क मैनेजमेंट पर भी ध्यान दें, क्योंकि फ्रीलांसिंग में सेल्स से लेकर बिलिंग और फाइनेंस अरेंज करने तक सारे काम आपकी ही जिम्मेदारी होती है।
ज़रुरी है सेल्फ मार्केटिंग
थोड़ा समय सेल्फ मार्केटिंग में भी लगाएं। इसके लिए अपनी फील्ड के नामचीन लोगों के संपर्क में रहें। उन्हें अपने काम की ख़ासियत, प्रोफेशनल स्किल और ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स की जानकारी दें। इससे आपकी प्रोफेशनल स्किल्स, बौद्धिक क्षमता और इनोवेटिव आइडियाज़ उनकी नज़र में आएंगे, जिसका फायदा आगे मिलेगा। साथ ही अपने प्रोफेशन से संबंधित वर्कशॉप, सेमिनार, वेबिनार का हिस्सा बनें। नई जानकारियां और संपर्क मिलेंगे।
तकनीक की मदद लें
वर्चुअल मीटिंग, इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों को रेफरेंस के रूप में इस्तेमाल करने और मार्केटिंग व नेटवर्किंग के लिए तकनीद की मदद से पीछे न रहें।
अपनाएं बैच टास्किंग
मल्टीटास्किंग की जगह बैच टास्किंग अपनाएं। एक जैसे कामों का ग्रेप बनाकर उन्हें एक साथ और एक ही बार में करने की प्रक्रिया बैच टास्किंग कहलाती है। मसलन कम्युनिकेशन से जुड़े काम जैसे वर्चुअल मीटिंग अटेंड करना, फेसुक मैसेजेस, ईमेल आदि के जवाब देना आदि एक ही बार में निपटाने की कोशिश करें।
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