स्वदेशी, पंचायती राज्य व्यवस्था और स्वच्छता पर आज के संदर्भ में महात्मा गांधी के विचार कितने प्रासंगिक हैं?

स्वदेशी की अवधारणा महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी जिसे उन्होंने 1905 में भारत के स्वराज प्राप्त करने के साधन के रूप में इस्तेमाल किया। महात्मा गांधी ने भारत में पंचायती राज के गठन पर जोर दिया था।