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Teachers Day 2019, History and significance: शिक्षक दिवस का क्या है इतिहास और महत्व, जानें यहां

Teachers Day 2019 History Importance and significance shikshak divas itihas shikshak divas mahatva डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म दिवस

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 05:03 PM (IST)
Teachers Day 2019, History and significance: शिक्षक दिवस का क्या है इतिहास और महत्व, जानें यहां
Teachers Day 2019, History and significance: शिक्षक दिवस का क्या है इतिहास और महत्व, जानें यहां

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी स्मृति में सम्पूर्ण भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। वह एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। गुरु का हर एक के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे और शिक्षा में उनका काफी लगाव था।

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शिक्षक दिवस का महत्व / Teachers Day 2019 Importance

शिक्षक दिवस की धूम पूरे भारत में देखने को मिलती है। माता-पिता के बाद गुरु ही होते हैं जो आपको सही मार्ग दिखाते हैं और कैसे उस पर आगे बढ़ते हुए सफलता प्राप्त होगी, ये बतलाते हैं। पुराने समय में गुरुकुल जाकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती थी। शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। गिफ्ट, नृत्य, संगीत आ दि कार्यक्रमों का आयोजन कर उनका धन्यवाद किया जाता है।

शिक्षक दिवस का इतिहास / Teachers Day 2019 history

शिक्षक का बच्चों को एक जिम्मेदार और आदर्श नागरिक बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉ. राधाकृष्णन से जब उनके कुछ दोस्तों और विधार्थियों ने उनके जन्मदिन का आयोजन करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा, 'कि आप सब मेरे जन्म दिन को मनाना चाहते हैं ये बहुत ही खुशी की बात है लेकिन अगर आप मेरे इस खास दिन को शिक्षकों द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान, समर्पण और उनकी मेहनत को सम्मानित करते हुए मनाएं तो मुझे और ज्यााद प्रसन्नता होगी। उनके इसी इच्छा को ध्यान में रखते हुए सन् 1962 से हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस / Why teachers day is celebrated on 5th September

सन् 1954 में शिक्षा और राजनीति में अपने योगदान के लिए उन्हें भारत सम्मान से नवाजा गया। डॉ. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और लेखक थे। जिन्होंने राजनीति में ऊंचे पद पर असीन होने के बाद भी अपने आपको शिक्षक ही माना। इसलिए उनके जन्मदिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।


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