Move to Jagran APP

Easter 2022: ईस्टर पर क्यों ख़ास माने जाते हैं अंडे, जानें ईस्टर बनी से जुड़ी दिलचस्प कहानी!

Easter 2022 जब भी नाम ईस्टर का आता है तो साथ में अंडो ईस्टर बनी ईस्टर फीस्ट का ज़िक्र भी ज़रूर होता है। तो आइए जानें ईस्टर पर क्यों खास होते हैं अंडे और ईस्टर बनी की कहानी।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 17 Apr 2022 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Apr 2022 08:14 AM (IST)
Easter 2022: ईस्टर पर क्यों ख़ास माने जाते हैं अंडे, जानें ईस्टर बनी से जुड़ी दिलचस्प कहानी!
Easter 2022: ईस्टर पर क्यों तोहफे में दिए जाते हैं अंडे (Pic Courtesy: Pexels)

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Easter 2022: आज यानी 17 अप्रैल के दिन दुनियाभर में ईस्टर संडे का जश्न मनाया जा रहा है। ईस्टर क्रिस्मस के बाद ईसाई समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। ईसाई सुदाय के लोगों की मान्यता है कि गुड फ्राइडे ईसा मसीह ईस्टर के दिन वापस लौट आए थे, यानी ईसा मसीह सूली पर चढ़ने के बाद दोबारा जीवित हुए थे। गुड फ्राइडे के दिन ग़म मनाया जाता है और ईस्टर के दिन ईसाई समुदाय के लोग खुशियां मनाते हैं। प्रभु ईसा मसीह करीब 40 दिनों तक पृथ्वी पर रहे और अपने शिष्यों को प्रेम का पाठ पढ़ाया और फिर स्वर्ग चले गए।

loksabha election banner

यानी गुड फ्राइडे को लोग जहां शोक मनाते हैं, वहीं ईस्टर पर खुशियां लौट आती हैं। ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन ईस्टर फीस्ट का आयोजन भी किया जाता है। ईस्टर लंच के लिए स्वादिष्ट और ख़ास पकवान बनाए जाते हैं।

ईस्टर का नाम लेते ही ध्यान में आते हैं रंग-बिरंगे अंडे और ईस्टर बनी। तो आइए जानते हैं इनका महत्व।

ईस्टर एग्स क्या हैं?

वैसे तो ईस्टर के दिन कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं, लेकिन इन सब में ईस्टर एग की अपनी खास जगह है। इन रंगबिरंगे और चॉकलेट अंड़ों को लेकर बच्चे खासतौर पर उत्साहित रहते हैं। यह अंडे के आकार में बनी चॉकलेट होती है जो अंदर से खोखली होती है। ईस्टर वाले दिन अंडों को विशेष रूप से सजाया जाता है। अंडों पर तरह-तरह की कलाकृतियां उकेरी जाती हैं। इस मौके पर लोग एक दूसरे को अंडे गिफ्ट में देते हैं। इसके अलावा अंडो को छिपाया जाता है, जिसे बच्चे ढूंढ़ते हैं। लोग अंडे को बहुत ही शुभ मनाते हैं क्योंकि अंडे में नया जीवन और नई उंमग का संदेश छिपा हुआ होता है।

क्या है ईस्टर बनी की कहानी?

क्रिसमस के मौके पर बच्चों को जहां सैंटा क्लॉस का इंतज़ार रहता है, वहीं ईस्टर के दिन ईस्टर बनी की राह देखी जाती है। आज के ज़माने में ईस्टर एग एक कॉमोडिटी के रूप में तब्दील हो चुका है, जिसे एक बनी (खरगोश) लोगों के घर जाकर डिलिवर करता है। इस ईस्टर बनी का बाइबल में कोई ज़िक्र नहीं है। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म की शुरुआत जर्मनी से हुई थी।

जानें ईस्टर के पीछे की दिलचस्प कहानी

धरती पर ईश्वर के पुत्र, ईसा मसीह के चमत्कारों से डरकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें यरुशलम के पहाड़ पर फांसी पर चढ़ा दिया था। ऐसा माना जाता है कि इसके तीन दिन बाद वह फिर जीवित हो गए थे। बाइबल के मुताबिक, रोमी सैनिकों ने ईसा को खूब प्रताड़ित किया था, कोड़ों से मारा था। उनके सर पर कांटों का ताज रखा था और उन पर थूका भी था। पीठ पर अपना ही क्रॉस उठवा कर, उन्हें उस पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां उसी क्रॉस पर उन्हें लटका दिया गया था।

उस समय भी यीशु मसीह ने यही कहा था, "हे पिता परमेश्वर, इन लोगों को माफ करना, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।" मौत के बाद उन्हें कब्र में दफनायास दिया गया था। इस घटना के तीन दिन बाद मैरी मग्दलेना कुछ अन्य महिलाओं के साथ जीसस क्राइस्ट को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं। जब वह मकबरे के पास पहुंचीं तो वहां देखा कि समाधि का पत्थर खिसका और समाधि खाली हो गई।

समाधि के भीतर दो देवदूत दिखे, जिन्होंने यीशु मसीह के ज़िंदा होने की खुशख़बरी दी। इसके बाद खुद ईसा मसीह ने 40 दिन तक हज़ारों लोगों को अपने दर्शन दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.