कोरोना फोबिया से बचें और दिनचर्या बदल कर रहें सेफ और टेंशन फ्री
कुछ लोगों को कोरोना फोबिया है वे यह समझ लें कि घर पर रहने से सुरक्षित रह सकते हैं। बाहर न जाएं। स्वजनों संग समय बिताएं और खुश रहें। पॉजिटिव रहना बहुत ही जरूरी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इससे उपजी मानसिक समस्याओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि कोरोना फोबिया से बचा जाए और दिनचर्या बदल लें।
अफ़वाहों से बचें
इन दिनों सुबह से रात तक तरह-तरह की अफ़वाहों फैलती रहती हैं। इसलिए न तो अफ़वाहों पर भरोसा करें, न ही इसे बढ़ाएं। सोशल मीडिया पर चल रहे किसी संदेश को बग़ैर सोचे समझ आगे न बढ़ाएं।
माहौल ख़ुशनुमा रखें
घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह मौक़ा परिवार के और नज़दीक आने का है। स्वजनों को समय दें। हर हाल में घर पर माहौल ख़ुशनुमा रखें। इससे कई समस्याओं से बच जाएंगे।
नकारात्मक भाव न आने दें
दरअसल, हमारे शरीर की जीवंतता हार्मोन पर ही निर्भर होती है। इसका असंतुलन शरीर में व्यवधान पैदा करता है। इसलिए कोरोना को लेकर डर, अनिश्चितता और नकारात्मक भाव न आने दें। कारण यह कि इससे सेरोटेनिन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है। इसकी कमी से मस्तिष्क सेल तक संदेश ठीक तरह से नहीं पहुँच पाते और व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आने लगता है। इससे चिड़चिड़ापन बढ़ने की आशंका हो जाएगी।
बदल लें दिनचर्या
मौजूद हालात में अपनी दिनचर्या में बदलाव लाए। खूब बातें करें और व्यायाम करें। बच्चों संग खेलें। ऐसा करने पर एंडोर्फिन का स्त्राव होता हैं। इससे ख़ुशी मिलती है। यह हार्मोन प्राकृतिक दर्द निवारक है। प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
मरीज़ को अकेले न छोड़ें
तमाम तरह की भ्रांतियाँ हैं। कोरोना मरीज़ के ठीक होने और संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी लोग उनसे दूरी बना रहे हैं। यह सही नहीं है। सिर्फ़ एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाएं। आपके व्यवहार से संक्रमित मरीज़ों और संदिग्धों के अवसाद मं जाने का ख़तरा है।
यह ज़रूर करें
1. घर पर ही नियमित व्यायाम करें, बच्चों के साथ खेलें, इससे कुछ हार्मोन निकलते हैं, जिससे ख़ुशी मिलती है।
2. घर से बाहर नहीं निकलना है, इसलिए अपने हिसाब से टाइम टेबल बना लें।
3. अपने दोस्तों से फ़ोन पर बात करें, स्वजनों को पूरा समय दें।
4. पानी खूब पिएं।