अगर रहना है सेहतमंद तो जरूर करें गार्डनिंग
गार्डनिंग आपके घर को ही नहीं आपको भी सेहमंद रखने का काम करती है। अगर आप गार्डनिंग करते हैं तो आप का शरीर स्वस्थ रहता है।
गार्डनिंग रखती है आप को सेहततंद
गार्डनिंग करना आसान काम नहीं है। बागवानी से न केवल आपका आंगन महकता है बल्कि इससे सेहत भी अच्छी रहती है। इसकी देखरेख में आपको कोई कमी नहीं करनी चाहिए। तपती धूप में पौधों को झुलसने से बचाने के लिए उनकी अतिरिक्त देखरेख जरूरी है। गार्डनिंग एक्सपर्ट संयुक्ता सिंह बता रही हैं, कैसे कुछ बातों का ध्यान रखकर इस मौमस में भीगार्डन को हरा-भरा रखा जा सकता है।
पानी का समय और तरीका
गर्मी के मौसम में पौधों में पानी उस समय दें, जब धूप न हो यानी सुबह सूरज निकलने से पहले और शाम को सूरज डूबने के बाद। पानी गमलों या क्यारियों में ज्य़ादा समय ठहरना नहीं चाहिए। पौधों में भरपूर मात्रा में पानी दें। सुबह-शाम दोनों समय पानी देना चाहिए। शाम के समय पौधों को पानी की फुहार से नहला भी देना चाहिए।
खाद कितनी और कब
गर्मी में पौधों में रासायनिक खाद न दें तो ज्य़ादा बेहतर है। रासायनिक खाद पौधों को जला सकती है। गर्मियों में जैविक खाद गोबर खाद पौधों में महीने में दो बार दे सकते हैं। लगभग 20-50 ग्राम प्रति पौधा गोबर खाद आप दे सकते हैं। पौधों में खाद देने से पहले मिट्टी में नमी होनी चाहिए। कभी भी कोई भी फर्टीलाइजर मिट्टी सूखी होने की अवस्था में कभी नहीं देना चाहिए। जैविक और रासायनिक खाद पौधों में एक साथ नहीं देनी चाहिए।
पौधों की कटाई-छंटाई
पौधे की सूखी टहनियां या सूखा भाग तुरंत काट देना चाहिए। पौधों में फूल निकल जाने के बाद उसका बड काट दें, जिससे पौधों की एनर्जी पौधे की ग्रोथ में काम आएगी। पौधों की कटी टहनियों, सूखे फूल और पत्तियों को फेंकें नहीं, इसे कंपोस्ट खाद बनाने के काम में लाया जा सकता है। पत्तियों की खाद बहुत जल्दी और आसानी से तैयार हो जाती है। ग्राफ्टेड पौधों में अगर कोई एक्स्ट्रा टहनी है, जो कि ग्राफ्ट एरिया के अलग भाग से निकल रही हो, तो उसे तुरंत काट दें। अगर वह जंगली ब्रांच बन गई तो उस पर कोई फूल नहीं खिल सकेगा। गुलाब, कनेर और चांदनी के पौधे बिना कटाई-छंटाई किए अच्छे फूल नहीं देते। इन पौधों की समय से और नियमित रूप से छंटाई होती रहनी चाहिए।