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Fact Check By Vishvas News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की बगावत वाली वायरल पोस्ट झूठी और ऐसी ही अन्य फर्ज़ी पोस्ट

जागरण की वेबसाइट विश्वास न्यूज़ की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं शुक्रवार की ऐसी ही टॉप 6 ख़बरें।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 09:10 AM (IST)
Fact Check By Vishvas News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की बगावत वाली वायरल पोस्ट झूठी और ऐसी ही अन्य फर्ज़ी पोस्ट
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की बगावत वाली वायरल पोस्ट झूठी

नई दिल्ली। जागरण की वेबसाइट 'विश्वास न्यूज़' की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं शुक्रवार की ऐसी ही टॉप 6 ख़बरें।

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Fact Check : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की बगावत करने की वायरल पोस्ट झूठी पाई गई

सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बगावत करके कांग्रेस में शामिल होने की झूठी पोस्ट वायरल हो रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला है कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बीजेपी में हैं और वे कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check: म्यांमार के पुराने वीडियो को पश्चिम बंगाल का बता कर फैलाया जा रहा है झूठ

फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में कुछ लोगों को बॉर्डर पार करते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल का वीडियो है, जहां पडोसी देश के लोग अवैध रूप से बॉर्डर पार कर बंगाल में घुस रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की और हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। म्यांमार के 2017 के वीडियो को अब कुछ लोग भारत के पश्चिम बंगाल से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check: बिहार के जगदीशपुर में भाजपा नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाने वाला बोर्ड है फर्जी

सोशल मीडिया पर बोर्ड वाला एक पोस्ट वायरल हो रहा है। इस बोर्ड पर लिखा है कि बीजेपी सदस्यों का बिहार के भोजपुर के उगना जगदीशपुर गांव में आना सख्त मना है। विश्वास न्यूज ने वायरल हो रहे पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि ओरिजिनल बोर्ड वाले फ़ोटो के साथ छेड़छाड़ कर इसे पोस्ट किया गया है। यह वायरल पोस्ट फर्जी है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check : इंडिया नहीं, एल सल्‍वाडोर देश की खिलाड़ी हैं नीली व सफेद टीशर्ट वालीं, वायरल दावा फर्जी है

सोशल मीडिया में महिला खिलाड़ियों की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें लाल टीशर्ट पहनी हुईं खिलाडि़यों को यूएसए का खिलाड़ी बताया गया है तो नीली और सफेद टीशर्ट वाली लड़कियों को भारत का खिलाड़ी बताया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमारी जांच में यह फर्जी निकली। हमें पता चला कि जिन खिलाड़ि‍यों को इंडिया का बताया जा रहा है, दरअसल वह एल सल्वाडोर नाम के एक देश की अंडर 16 की बास्‍केटबॉल खिलाड़ी हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check : बुजुर्ग महिला से गले लगते लंगूर का यह वीडियो राजस्‍थान का है, महाराष्‍ट्र का नहीं

सोशल मीडिया में बिस्‍तर पर लेटी एक बुजुर्ग महिला से गले लगते एक लंगूर का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। यूजर्स इस वीडियो को महाराष्‍ट्र का समझकर वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह घटना महाराष्‍ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में हुई। हमारी जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। हमें पता चला कि राजस्‍थान के जोधपुर जिले के फलौदी के वीडियो को महाराष्‍ट्र का समझकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check: ITR के आधार पर सरकार नहीं देती है दुर्घटना में मौत पर 10 गुना तक मुआवजा, फर्जी मैसेज हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) और दुर्घटना में मौत होने पर मिलने वाले मुआवजे के संबंध में एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अगर कोई लगातार तीन वर्ष तक ITR फाइल करता है, तो उस शख्स की दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में सरकार उसकी औसत सालान आय की 10 गुना राशि मुआवजे के रूप में देने को बाध्य है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया गया है। इनकम टैक्स एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत सरकार को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार बनाया गया हो। दुर्घटना में मौत की स्थिति में मुआवजा सरकार नहीं बल्कि इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से दिया जाता है और इसका निर्धारण अलग-अलग कारकों के आधार पर होता है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Vishvas News जागरण न्यू मीडिया का एक आईएफसीएन सर्टिफाइड (IFCN Certified) फैक्ट चेकिंग ग्रुप है।


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