Fact Check By Vishvas News: कोविड वैक्सीन और एनेस्थीसिया से जुड़ी ख़बर झूठी और ऐसी ही अन्य फर्जी वायरल पोस्ट
जागरण की वेबसाइट विश्वास न्यूज़ की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं बुधवार की ऐसी ही टॉप तीन ख़बरें।
नई दिल्ली। जागरण की वेबसाइट 'विश्वास न्यूज़' की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं बुधवार की ऐसी ही टॉप तीन ख़बरें।
Fact Check: वैक्सीन लगवाने वाले लोगों के लिए एनेस्थीसिया नहीं है जानलेवा, वायरल पोस्ट है फर्जी
जहां एक तरफ देश में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी फर्जी खबरों का भी बाजार गर्म है। अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है उन्हें किसी भी तरह के एनेस्थीसिया यहां तक कि लोकल एनेस्थीसिया से भी दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए जानलेवा हो सकता है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है।
दरअसल इस दावे की पुष्टि करने के लिए न तो अभी तक कोई साइंटिफिक एविडेंस हैं और न ही इस तरह की कोई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Quick Fact Check: नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सहयोगी कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूते नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर 2014 की है, वायरल दावा भ्रामक है
सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह एक वृद्ध शख्स के पैर छूते नजर आ रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर 23 जनवरी 2021 की है और पीएम मोदी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर व बॉडीगार्ड रहे निजामुद्दीन के पैर छू रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला है। यूजर जिस तस्वीर को जनवरी 2021 की बता रहे हैं असल में वह 2014 में तब की है जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस तस्वीर में दिख रहे कर्नल निजामुद्दीन का निधन साल 2017 में ही हो चुका है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Fact Check: इजरायल ने भारत को नहीं दी नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ लिखऩे की सलाह, फर्जी दावा वायरल
सोशल मीडिया पर कश्मीर, इजरायल, भारत और पाकिस्तान को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इजरायल ने भारत को सलाह दी है कि वह नोटों पर ‘कश्मीर भारत का है’ प्रिंट कराए। दावा किया जा रहा है कि अगर भारत ने इजरायल की इस सलाह पर अमल किया, तो पाकिस्तान कभी भी जाली भारतीय नोट छापने की हिम्मत नहीं करेगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठा निकला है। हालांकि, इजरायल ने बीते सालों में कश्मीर मुद्दे पर भारत के स्टैंड का समर्थऩ किया है, लेकिन कश्मीर को लेकर नोटों पर प्रिंट करने की ऐसी कोई सलाह उनकी तरफ से भारत को नहीं दी गई है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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