Move to Jagran APP

ना करें बच्चों के सामने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल

हम सभी कभी ना कभी किसी सिचुएशंस में गलत बोल जाते हैं जिससे बच्चे हर्ट हो जाते हैं, गुस्सा हो जाते हैं या फिर वे कंफ्युज्ड हो जाते हैं। यहां बता रहे हैं कि वे कौन सी बातें हैं, जो उनसे नहीं करनी चाहिए।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 01:09 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 02:04 PM (IST)
ना करें बच्चों के सामने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल
ना करें बच्चों के सामने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल

बस बहुत हो गया, जाओ यहां से, मुझे और परेशान मत करो...इस तरह की बातें आपके बच्चोंं को अंदर से तोड़ सकती हैं। इसके बाद आपके प्रति उनका व्यवहार बदलता हुआ नजर आएगा और फिर उनके एक्‍सप्रेशन देख आपको एहसास होगा कि आपने कुछ गलत और ज्यादा बोल दिया है।
मुझे अकेला छोड़ दो
पैैरेंट्स कोई संत या महात्मा नहीं होते कि उन्हें अकेले रहने की जरूरत पड़ जाए। ऐसी बातें करने से बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। छोटे बच्चे ज्यादा समझदार नहीं होते हैं और वे कंफ्युज्ड हो जाते हैं। वे इस बारे में सोचना शुरु कर देते हैं और इसका रिजल्ट ये हो सकता है कि वे बात भी करना बंद कर दें।
तुम बहुत.......(मीन, होपलेस, स्टुपिड, लेजी)
गुस्से में इस तरह की बातें करने से अधिकतर केस में बच्चे निगेटिविटी की तरफ चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि आप उनसे अनावश्यक एक्सपेक्टेशंस रख रहे हैं जिससे वे स्ट्रेस में भी जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें : गलतियों से ही सीखते हैं बच्चे
अब बच्चे की तरह रोना मत शुरु कर दो
बच्चे किसी भी बात पर अगर अपसेट हो जाते हैं तो वे नेचुरली रोना शुरु कर देतै हैं जिन्हें वे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। वे डर जाते हैं। बच्चों को इस तरह की फीलिंग से बचाकर रखना बहुत जरूरी हो जाता है। उन्हें अपनी फीलिंग शेयर करने की आजादी दें।
तुम अपनी बहन/ भाई जैसे क्यों नहीं हो सकते
हर बच्चा अपने आप में अलग होता है। उन्हें किसी से कंपेरिजन करना अच्छा नहीं लगता है। इस तरह की बातें उन्हें असुरक्षा की भावना में डाल सकती है। उनकी खुद की पर्सनैलिटी को ग्रो करने में उनकी मदद करें। इस तरह की बातों से से उनका सेल्फ कॉन्‍िफडेंस कम हो सकता है।
तुम इससे बेहतर वाकिफ हो
उन्हें बार-बार उनकी गलतियां मत याद दिलायें। उनके साथ कठोरता की बजाए समझदारी से पेश आएं। ये चीज उन पर सकारात्मक रूप से प्रभाव डालेगी।
चुप हो जाओ वरना और रोना पड़ेगा
पैैरेंट्स का किसी बात पर फ्रस्ट्रेट होना लाजिमी है, लेकिन ध्यान रहे कि ये फ्रस्ट्रेशन बच्चे पर नहीं निकलने चाहिए। अगर ऐसा होगा तो उनका बिहेवियर चेंज होने लगेगा और वे अपने ही घर में असुरक्षित और डर कर रहना शुरु कर देंगे।
अब जल्दी भी करो
बच्चे किसी भी काम को लेकर आदी नहीं होते हैं, उन्हे जल्दबाजी करने के लिए कभी फोर्स ना करें। ऐसा करना उनके और आपके दोनों के लिए महंगा पड़ सकता है। उन्हें आराम और सेफली काम करने की सलाह दें। उन्हे उनकी गलतियों के लिए आंखें ना दिखायें।
ग्रेट जॉब और गुड गर्ल
तारीफ किसे अच्छी नहीं लगती, लेकिन बच्चों के केस में इन बातों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्हें छोटी- छोटी बातों जैसे दूध खत्म कर देने पर शाबासी या ग्रेट जॉब ना कहें। ऐसा करने से वे कंफ्युज होते हैं और वे विभेद नहीं कर पाते हैं कि किन बातों में तारीफ मिल सकती है। वे कुछ साधारण से काम करने और बड़े काम में मिलने वाली तारीफ में अंतर नहीं कर पाते हैं।
यह भी पढ़ें : मुश्किल में हैं मम्मी और बच्चे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.