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Diwali 2019: शोर-शराबे से नहीं, इस बार इन आइडियाज़ के साथ मनाएं ईको-फ्रेंडली दिवाली

मिट्टी के दीपक हों या नई फसल का स्वागत दीवाली प्रकृति के प्रति ढेरों संदेश लिए होता है। तो क्यों न इस बार बदलाव की पहल की जाए और ईको-फ्रेंडली दिवाली मनाई जाए कुछ इस तरह से....

By Priyanka SinghEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 08:54 AM (IST)
Diwali 2019: शोर-शराबे से नहीं, इस बार इन आइडियाज़ के साथ मनाएं ईको-फ्रेंडली दिवाली
Diwali 2019: शोर-शराबे से नहीं, इस बार इन आइडियाज़ के साथ मनाएं ईको-फ्रेंडली दिवाली

दिवाली का त्योहार मतलब हर तरफ रोशनी व जगमगाहट। इस समय घर भी चमकता है और हर चेहरा भी दमकता है। सब कुछ तो अच्छा है बस इस दौरान आपको यह ध्यान रखना है कि इस त्योहार की रस्में निभाने में पर्यावरण को कोई नुकसान न हो इसलिए पर्यावरण का ध्यान रखते हुए मनाइए सेफ दिवाली।

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बिखरें फूलों के रंग

दिवाली के दिन पूरे घर में गेंदे के फूल की माला और आम के पत्तों के तोरण लगाकर सजाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा तो आती ही है साथ ही प्रकृति की यह नजदीकी मन को प्रसन्नचित्त कर देती है। गेंदे की सजावट हर घर की खूबसूरती चुटकियों में बढ़ा देती है।

दमकेगी प्राकृतिक रंगोली

केमिकल युक्त रंग आकर्षक जरूर लगते हैं लेकिन प्राकृतिक ढंग से तैयार रंगोली की बात ही और होती है। इस दिवाली प्राकृतिक रंगों को चुनिए। आपकी इस नेक कोशिश के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं। आपकी रसोई में ही मौजूद हैं ढेरों रंग। जैसे अलग रंगों की दालें, पीले रंग के लिए हल्दी, लाल रंग के लिए रोली-कुमकुम और सफेद रंग के लिए चावल की टुकड़ी बड़े काम की साबित हो सकती है। थ्रीडी इफेक्ट देती इन सामानों की रंगोली में ताजे फूल भी मददगार साबित हो सकते हैं।

करें कुछ नया-सा 

इस साल जब आप घर सजाएं तो बाजार से प्लास्टिक के बने रेडीमेड तोरण या बंदनवार खरीदने की जगह अपने हाथ से कुछ क्रिएटिव जैसे क्रोशिया का तोरण या फिर पुरानी राखियों के मोतियों से बना तोरण बनाएं। इस काम में बच्चों को भी शामिल करें। क्राफ्ट के बहाने उनसे घर में ही रखे सामानों से क्रिएटिव सामान बनवा सकती हैं। इससे उनकी क्रिएटिविटी तो निखरेगी ही साथ ही उनका जोश आपके काम को हल्का करने में भी मदद करेगा। क्ले के फूल बनाकर भी तोरण बनाया जा सकता है। जिन पुराने दुपट्टों या साडि़यों से आपका मन भर चुका है, उन्हें इस्तेमाल करके बैठक के लिए कुशन कवर सिलवा सकती हैं।

पटाखों को कहें बाय

पिछले कई सालों में दीवाली पर पटाखों से फैलते प्रदूषण ने सभी का ध्यान खींचा है। बुजुर्ग, छोटे बच्चे और पेट्स, सभी इनके शोर और धुएं का शिकार होते हैं। इसलिए इस दिवाली प्रण करें कि पटाखों से बिल्कुल दूर रहेंगी। यदि बहुत ही जरूरत है तो केमिकल पटाखों की जगह ईको-फ्रेंडली पटाखे लाएं। ये पटाखे रीसाइकल किए हुए पेपर से बनाए जाते हैं। इनसे निकलता शोर भी प्रदूषण बोर्ड द्वारा तय सीमा के अंदर होता है।

जुड़ जाएं अपनी मिट्टी से

दिवाली पर दीये जलाने की प्रथा तो है ही, साथ ही आप मिट्टी के दीयों से सजावट भी कर सकती हैं। प्राकृतिक तरीके से घर सजाने के साथ आपकी यह कोशिश दीये बनाने वालों का सहयोग भी करती है। आजकल मार्केट में नए पैटर्न के मिट्टी के दीये, हैंगिंग दीये आदि मिलते हैं, जिनसे आपका घर सुसज्जित लगेगा साथ ही आप प्रकृति के और करीब आ जाएंगी।

गिफ्ट्स और शॉपिंग बैग्स

दिवाली का मतलब होता है शॉपिंग, लेकिन इस साल पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने साथ जूट या कपड़े के बैग्स लेकर निकलें जिससे आपसे सीख लेते हुए दूसरे लोग भी प्लास्टिक बैग्स का उपयोग करने से खुद को रोकें। गिफ्ट देने के लिए कई प्रकार के ऑर्गेनिक आइडियाज आपके काम आ सकते हैं, मसलन-इंडोर प्लांट्स, जो प्रदूषण से लड़ने में हमारी मदद करते हैं, ऑर्गेनिक चाय, कॉफी, मसाले या फिर अन्य ईको-फ्रेंडली सामान। 

तो फिर इस साल दिवाली पर खुशियां मनाएं भी और बांटे भी, वह भी ईको-फ्रेंडली तरीके से। 


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