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Holika Dahan 2020 Wishes: छोटी होली पर रिश्तेदारों और दोस्तों को भेजें ये प्यार भरे मैसेज!

Choti Holi Holika Dahan 2020 Wishesइस बार होली पर अपने रिश्तेदारों दोस्तों और उन लोगों को शुभकामना भेजें जिनसे आपकी बातचीत बंद है ताकि रिश्तों में आई कड़वाहट मिठास में बदल जाए।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 02:00 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 12:42 PM (IST)
Holika Dahan 2020 Wishes: छोटी होली पर रिश्तेदारों और दोस्तों को भेजें ये प्यार भरे मैसेज!
Holika Dahan 2020 Wishes: छोटी होली पर रिश्तेदारों और दोस्तों को भेजें ये प्यार भरे मैसेज!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Choti Holi & Holika Dahan Wishes: गुलाल, अबीर और कई तरह के रंगों से भरे के इस त्योहार के जश्न का आग़ाज़ हो चुका है। होली के त्योहार के दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाकर गुझिया और कई तरह के पकवान खिलाकर शुभकामनाएं देते हैं। होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें दुश्मन भी मन का बैर भुलाकर गले लगकर होली की शुभकामनाएं देते हैं। 

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इस बार होली पर अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और उन लोगों को भी शुभकामना के मैसेज भेजें जिनसे आपका मन मुटाव चल रहा है ताकि रिश्तों में आई कड़वाहट मिठास में बदल जाए। होली पर दोस्तों को भेजें ये ख़ास शुभकामना सन्देश।

हमेशा मीठी रहे आपकी बोली

खुशियों से भर जाए आपकी झोली

आप सबको मेरी तरफ से हैप्पी छोटी होली

Happy Holika Dahan and Holi 2019

होलिका दहन की कहानी

पौराणिक मान्यता के अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप खुद को भगवान मानता था, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के अलावा किसी की पूजा नहीं करता था। यह देख हिरण्यकश्यप काफी क्रोधित हुआ और अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए। होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे आग से कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद आग से बच गया, जबकि होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। उस दिन फाल्गुन मास की पुर्णिमा थी। इसी घटना की याद में होलिका दहन करने का विधान है। बाद में भगवान विष्णु ने लोगों को अत्याचार से निजात दिलाने के लिए नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। 

इन रंगो से भी सुन्दर हो ज़िन्दगी आपकी,

हमेशा महकती रहे यही दुआ हैं हमारी,

कभी न बिगड़ पाए ये रिश्तो के प्यार की होली

ए-मेरे यार आप सबको मुबारक हो ये होली

होली और होलिका दहन की शुभकामनाएं

होलिका दहन का इतिहास

होली के त्यौहार के बारे में कई प्राचीन जानकारी भी है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में मिले 16वीं शताब्दी के एक चित्र में होली पर्व का उल्लेख मिलता है। इतना ही नहीं, विंध्य पर्वतों के पास रामगढ़ में मिले ईसा से 300 वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने पूतना राक्षसी का वध किया था। इस खुशी में गोपियों ने उनके साथ होली खेली थी।  

निकलो गलियों में बना कर टोली,

भिगा दो आज हर एक की चोली,

कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो,

वरना निकल लो लगाकर रंग, और कहकर Happy Holi 

होलिका से जुड़ी मान्यता

मान्यता है कि होलिका की अग्नि में सेक कर लाए गए अनाज खाने से व्यक्ति निरोग रहता है। होली की बची हुई अग्नि और राख को अगले दिन प्रात: घर में लाने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।


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