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बोनसाई प्लांट्स: कंटेनरों में पेड़ों को उगाने की एक जापानी कला

इनडोर प्लांटेशन करते व$क्त हम जगह को ध्यान में नहीं रखते और पाम जैसे बड़े पौधों का चुनाव कर लेते हैं। अगर आपका घर छोटा है तो कोई बात नहीं, कम जगह में आप बोनसाई पौधों से ड्रॉइंग रूम की शोभा बढ़ा सकती हैं।

By Sakhi UserEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jun 2017 01:56 PM (IST)
बोनसाई प्लांट्स: कंटेनरों में पेड़ों को उगाने की एक जापानी कला
बोनसाई प्लांट्स: कंटेनरों में पेड़ों को उगाने की एक जापानी कला

 घर को नैचरल लुक देने के लिए इन दिनों बोनसाई प्लांट्स का$फी पॉपुलर हो रहे हैं। ये छोटे लेकिन बेहद आकर्षक होते हैं। इन्हें कई स्टाइल्स में डेवलप किया जा सकता है। आजकल रॉक और ट्विन स्टाइल, वॉटरफॉल स्टाइल, फॉरेस्ट फार्म, ग्राफ्टिंग और ट्विन ट्रंक जैसे स्टाइल लोगों को $खूब पसंद आ रहे हैं। लोग न सि$र्फ इन्हें $खरीदकर घरों की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि इन्हें लगाने की सही टेक्नीक भी सीखते हैं। सखी से जानें, घर में बोनसाई लगाते व$क्त किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

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समझें बोनसाई को

घर में बोनसाई पौधों को लगाकर देखें, आपका आशियाना खिल उठेगा। बोनसाई बड़े पेड़ों को पौधों का रूप प्रदान करने की कला है। इसमें पौधे को पेड़ की तरह नहीं बढऩे दिया जाता, लेकिन इन पौधों का विकास एक पेड़ की तरह ही किया जाता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो पेड़ का बौना स्वरूप ही बोनसाई है। कई पर्यावरण प्रेमी इसे पौधों की आ•ाादी का हनन मानते हैं लेकिन कई लोगों को बोनसाई बहुत पसंद होता है। 

चलन बढ़ा इनका

इन दिनों बोनसाई के लिए फलदार पौधों को लोग •यादा पसंद कर रहे हैं। इनमें लगने वाले फल स्वादिष्ट भी होते हैं। आम, अमरूद, चीकू, जामुन, संतरा, नींबू, अंजीर, आड़ू, अनार, इमली जैसे फलदार पौधों के अलावा पीपल, नीम, बरगद, पारिजात, गुलमोहर, गूलर के पौधों को भी बोनसाई किया जाता है। 

सीखते हैं कई लोग

बोनसाई एक्सपर्ट कमल के मुताबि$क,   'बोनसाई लगाने और उसे सीखने की कला वाले लोगों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में दुगनी गति से बढ़ी है। बोनसाई प्लांट्स लगाना स्टेटस सिंबल भी है। पौधों को बोनसाई करने की तकनीक सीखने के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ा है। बोनसाई पसंद करने वालों में 10 $फीसद लोग बोनसाई प्लांट $खरीदना पसंद करते हैं और 25 $फीसद इसे बनाना सीखते हैं।Ó 

इको-फ्रेंड्ली उपहार

एक्सपर्ट कमल के अनुसार, आजकल कई लोग वास्तु के अनुरूप भी बोनसाई प्लांट डेवलप कराते हैं। इसमें त्रिवेणी यानी पीपल, बरगद और नीम, बेलपत्र, पारिजात और कुछ फलदार पौधों के बोनसाई भी शामिल हैं। किसी ओकेज़न पर लोग बतौर गिफ्ट भी इन्हें देना पसंद करते हैं। लोगों का स्वागत करने के लिए भी बोनसाई देने का चलन तेज़ी से बढ़ा है। द्य 

सखी फीचर्स


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