गायकों के लिए बेहतरीन समय
करीब चार साल के अंतराल के बाद हिमेश रेशमिया छोटे पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। वह आज रात से जी टीवी के शो ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स सीजन 6’ में बतौर जज नजर आएंगे...
यह पहला मौका है जब वह बच्चों के सिंगिंग रियलिटी शो से जुड़े हैं। जजों के पैनल में उनके साथ नेहा कक्कड़ और जावेद अली भी होंगे। इससे पहले हिमेश जी टीवी के ही सिंगिग रियलिटी शो ‘सारेगामापा चैलेंज’ के तीन सीजन से जुड़े रह चुके हैं। वह कहते हैं, ‘मेरी पहली कमाई जी टीवी से ही हुई थी। मैंने 16 की उम्र में बतौर निर्माता धारावाहिक ‘अंदाज’ बनाया था। वह जी टीवी पर प्रसारित हुआ था। फिर मैंने सात अन्य शो भी बनाए। उसके बाद सलमान खान ने मुझे ‘प्यार किया तो डरना क्यो’ में गाने का पहला ब्रेक दिया। वहां से मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक मैंने सात सौ गाने दिए हैं। शो में आसाधारण बाल प्रतिभाएं आई हैं। उनसे रोजाना मैं सीख रहा हूं। लग रहा है कि मेरी जर्नी फिर शुरू हो रही है। मैं बच्चों का साथ बहुत एंजाय कर रहा हूं। उनकी भोली और मासूम बातों को सुनकर काम का सारा दबाव मिट जाता है। मन करता है कि उन्हें सुनते ही रहें। उनकी शरारतें देखकर हम भी बच्चे बन जाते हैं। शो के माध्यम से अपने बचपन को दोबारा जी रहा हूं। बहरहाल, हम बच्चों को प्रशिक्षित भी कर रहे हैं। यह उम्र कच्ची होती है। अगर कोई गलत चीज प्रैक्टिस में आ गई तो बाद में उसे बदलना मुश्किल होता है। लिहाजा ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। बहरहाल, लिटिल चैंप्स के विजेता को मैं गायकी का निश्चित रूप से अवसर दूंगा। बच्चों का एक गाना है। इसे हमने सलमान खान की फिल्म के लिए बनाया है। उसमें उसे मौका देंगे।
सख्त जज नहीं हूं
मैं बहुत उदार जज हूं। बच्चों को जज करते समय बच्चा बन जाता हूं। मैं किसी भी बच्चे को हर्ट होते नहीं देख सकता। हालांकि बच्चे बहुत स्ट्रांग है। उन्हें पता है कि यहां नंबर मिलना है। कोई आगे आएगा तो किसी को मंच छोड़ना होगा तो कोई विजेता बनेगा। कई बार हमारे लिए फैसला करना कठिन होता है, मगर बच्चे निराश नहीं होते। वे अगली बार और तैयारी से आने का दावा करते हैं।
गायकों को मिल रहा मुकाम
अब रियलिटी शो सिंगर को फिल्मों में सफलता मिल रही है। दर्शन रावल और अमन त्रिखा को मैंने लांच किया था। रियलिटी शो की बदौलत वे स्थापित हो रहे हैं। बड़ी फिल्मों में उनके गाने आ रहे हैं। वे हिट भी हो रहे हैं। यह बड़ा बदलाव देखने में आया है। इसके अलावा अब सुपर स्टार सिंगर दो साल में बदल जाते हैं। पुराने गायक दो दशक से ज्यादा समय तक सफल रहे हैं। वैसा अब नहीं है। बतौर संगीतकार हमें आवाज में नयापन चाहिए। वही सबसे बड़ी क्वालिटी होती है। अगर वह नहीं हुई तो सिंगर का टिकना मुश्किल है। बहरहाल, वर्तमान में गायकों की राहें काफी आसान हो गई हैं। अब ब्रेक मिलना आसान हो गया है। वे चाहें तो अपना इंडिपेंडेंट म्यूजिक बना सकते हैं। लाइव शो कर सकते हैं। उन्हें फिल्मी गानों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। मुझे लगता है कि यह गायकों के लिए बेहतरीन समय है।
संगीत में मूड का योगदान
संगीत में मूड का अहम योगदान होता है। अगर म्यूजिक तैयार न हो तो मूड बिगड़ते देर नहीं लगती। म्यूजिक कंपोज होते ही मैं खुद को तरोताजा महसूस करने लगता हूं। म्यूजिक साथ रहने से एनर्जी बरकरार रहती है। मैं कई वर्षों से प्रतिदिन एक गाना कंपोज करता हूं। तभी मेरे पास गानों का बैंक है। मैं सात सौ नए गाने कंपोज कर चुका हैं। वह एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट ‘ज्वेल्स ऑफ इंडिया’ के जरिए सामने आने वाले हैं। उसकी तैयारी चल रही है। यह अभी शुरुआत है। मुझे सात हजार गाने बाहर लाने हैं। अपने पिता का नाम और रोशन करना है। एक्टिंग के स्तर पर भी सक्रिय हूं। फिल्म ‘द एक्सपोज’ को दर्शकों का खासा प्यार मिला था। अब उसके सीक्वल की तैयारी चल रही है। लिटिल चैंप्स की शूटिंग जून में समाप्त में होगी। इसके बाद हम फिल्म की शूटिंग शुरू करेंगे। इसके अलावा एक फिल्म भी कर रहा हूं।
आ रहे हैं फिल्मों के ऑफर
हिंदी सिनेमा में किशोर कुमार एकमात्र गायक थे जिन्हें गायन के साथ अभिनय में सफलता मिली। इसके बाद हिंदी सिनेमा के कई गायकों ने अभिनय में हाथ आजमाया, मगर उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। इस बाबत हिमेश कहते हैं, ‘हर चीज की सफलता उससे जुड़ने के बाद पता चलती है। मैंने 11 फिल्में की हैं। इसमें महज तीन सफल रही हैं। आठ असफल रही हैं। इसके बाद भी फिल्मों के ऑफर आ रहे हैं। धीरे-धीरे पता चलेगा कि एक्टिंग में कहां तक पहुंच सकता हूं। बतौर सिंगर, कंपोजर होकर 11 फिल्में कर पाना आसान नहीं है।
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