गर्मी के इस मौसम में हो सकता है डायरिया
मौसमी बीमारियों में से एक बीमारी है डायरिया यानी दस्त या अतिसार। डायरिया जीवाणुओं और वायरस की वजह से होता है।
गर्मियों के मौसम की शुरुआत वातावरण में बहुत से बदलाव लेकर आती है। इसलिए जो लोग पहले से एहतियात नहीं बरतते, उन्हें बीमार पड़ने का जोखिम रहता है। आम बोलचाल में इन्हें मौसमी बीमारियां कहते हैं। मौसमी बीमारियों में से एक बीमारी है डायरिया यानी दस्त याअतिसार।
क्या हैं कारण
-डायरिया जीवाणुओं और वायरस की वजह से होता है। रोटावायरस बच्चों में होने वाले एक्यूट डायरिया का आम कारण है।
-दूषित खाद्य या पानी से बैक्टीरिया व पैरासाइट्स पेट में पहुंचने पर डायरिया उत्पन्न कर देते हैं।
-शुगर से भरपूर लैक्टोज अगर ठीक से पच न पाए, तो डायरिया का कारण बन सकता है।
-फ्रक्टोज (शुगर जो फलों में पायी जाती है) शुगर से भरपूर होता है। इस कारण फ्रक्टोज का अच्छी तरह से पच न पाना डायरिया का कारण बन सकता है।
ये हैं लक्षण
-पतले, पानी जैसे दस्त।
-बुखार रहना।
-तुरंत मल त्यागने की जरूरत।
-पेट में ऐंठन और दर्द।
-मल में खून आना।
ऐसे करें रोकथाम
विकासशील देशों में दूषित पानी और गंदगी के कारण डायरिया की रोकथाम ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। इस मर्ज की रोकथाम में कुछ उपाय मददगार साबित हो सकते हैं ...
-साफ व सुरक्षित पेयजल पिएं।
-अच्छे सैनिटेशन (यानी शौचालय और सीवरेज) की व्यवस्था करना।
-शौच के बाद अच्छी तरह से हाथ धोना।
-नवजात शिशु को 6 महीनों तक स्तनपान कराना।
बात इलाज की
अगर डायरिया के लक्षण गंभीर हों, तो अपने डॉक्टर से इलाज के बारे में परामर्श लें। नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के मामले में तुरंत डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। डायरिया का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है। अगर शरीर में पानी की कमी है, तो इस कमी को पूरा करने वाले पेय पदार्थ लें। डॉक्टर के पराममर्श से दर्द और उबकाई से राहत दिलाने वाली दवाएं लें। डायरिया के गंभीर मामलों में, इंट्रावीनस फ्लूड रिप्लेसमेंट आवश्यक हो सकता है। एंटी-डायरिया दवाएं लक्षणों से निजात दिलाने में सहायक होती हैं; लेकिन उनके सेवन से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डॉक्टर से सलाह
-मल में खून आने पर।
-भ्रमित होने या चक्कर आने पर।
-मुंह में सूखापन महसूस होने पर।
-बेहोशी महसूस होने पर।
-डॉ. रमन कुमार फिजीशियन, नई दिल्ली
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