April Fool Day 2021: क्या है अप्रैल फूल डे और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत?
April Fool Day 2021 एक या दो नहीं बल्कि इस दिन को मनाने के पीछे कई तरह की कहानियां और कहावतें प्रचलित हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है यह दिन। तो आइए जानते हैं इसके बारे में..
अप्रैल फूल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मनाया जाता है। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी भी होती है। इस दिन लोग एक-दूसरे से मजाक करते हैं। फिर चाहे वो मैसेज भेजकर, प्रैंक करने के अलावा और भी कई तरीकों से। जिसका लोग बुरा नहीं मानते बल्कि उसे एंजॉय करते हैं।
अप्रैल फूल डे की शुरूआत
इसकी कोई खास जानकारी नहीं है कि पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया था। लेकिन लोग मानते हैं कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत हो सकती है। तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। और कुछ लोग इसे हिलारिया फेस्टिवल से भी जोड़ कर देखते हैं।
इनमें सबसे ज्यादा मशहूर अवधारणा के अनुसार पुराने समय में रोमन लोग अप्रैल में अपने नए साल की शुरूआत करते थे, तो वहीं मीडिल यूरोप में 25 मार्च को नए साल का उत्सव मनाया जाता था। लेकिन 1852 में पोप ग्रेगरी अष्ठम ने ग्रेगेरियन कैलेंडर (जो आज प्रचलित है) की घोषणा की, जिसके बाद से जनवरी से नए साल की शुरुआत होने लगी।
फ्रांस द्वारा इस कैलेंडर को सबसे पहले स्वीकार किया गया। लेकिन लोगों के अनुसार यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया था तो वहीं कई लोगों इससे पूरी तरह अंजान थे, जिसकी वजह से नए कैलेंडर के आधार पर नया साल मनाने वाले लोग पुराने तरीके से अप्रैल में नववर्ष मनाने वाले लोगों को मूर्ख समझने लगे और तभी से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।
अप्रैल फूल डे अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल डे सिर्फ दोपहर तक मनाया जाता है। जबकि कुछ देशों- जापान, रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में पूरे दिन मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
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