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फायदों के साथ कई तरह के नुकसान भी है ई-बुक्स के

पढ़ना एक अच्छी आदत माना जाता है। इससे अच्छा कुछ टाइम पास हो ही नहीं सकता लेकिन बदलते वक्त ने हाथ में किताबों को ई-बुक्स से रिप्लेस कर दिया है। जिसके जहां अपने कुछ फायदे हैं तो वहीं नुकसान भी। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 03 Feb 2022 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 03 Feb 2022 05:45 PM (IST)
फायदों के साथ कई तरह के नुकसान भी है ई-बुक्स के
लैपटॉप के सामने बैठी हुई एक महिला

जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है वैसे-वैसे नो डाउट हमारी लाइफ भी आसान हो रही है। शॉपिंग से लेकर बैंकिंग, ट्रैवलिंग, रीडिंग जैसी कई सुविधाएं इसका ताजा उदाहरण हैं। लेकिन आज हम यहां बात करने वाले हैं रीडिंग से जुड़ी। इन दिनों ई-बुक्स का क्रेज़ लोगों में तेजी से देखने को मिल रहा है। ई-बुक्स एक तरफ तो कई मायनों में सुविधाजनक है लेकिन कुछ मामलों में नुकसानदायक भी। आइए जानते हैं कैसे?

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1. प्रभावित होती है नींद- आईपैड, टैबलेट, लैपटॉप और मोबाइल पर रात के वक्त ई-बुक्स पढ़ने से नींद या तो गायब हो जाती है या ठीक तरीके से नहीं आती या फिर पूरी नहीं होती। जिससे अगला दिन बहुत ही खराब जाता है।

2. दिमाग पर पड़ता है असर- मोबाइल, कंप्यूटर और टैबलेट के स्क्रीन पर पढ़ने से बहुत ज्यादा मेंटल एनर्जी खपती है। जिसकी वजह से पढ़ने वाले को जानकारी प्राप्त करने और याद रखने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

3. कनेक्ट नहीं हो पाते- आपने देखा और महसूस किया होगा किताबों की कहानियां पढ़ते वक्त एक अलग ही कनेक्शन फील होता है। पढ़ने वाला कई बार इसमें डूब जाता है लेकिन ई-बुक्स में आप ये कनेक्शन महसूस नहीं कर पाते। क्योंकि कई बार बुक्स पढ़ने के साथ-साथ कुछ और भी चीज़ें चलती रहती हैं। 

4. आंखों पर पड़ता है असर- ई-बुक्स पढ़ने के लिए दिमाग के साथ ही आंखों को भी मेहनत करनी पड़ती है जिसकी वजह से इन पर भी प्रेशर पड़ता है। ये लाल हो जाती हैं या फिर उनमें सूजन आ जाती है।

5. डिमेंशिया का बढ़ता है खतरा- लगातार ई-बुक्स पढ़ने की वजह से दिमाग, आंखों और शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता है, जिसका असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है और धीरे-धीरे डिमेंशिया होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

6..याददाश्त होती है प्रभावित- ई-बुक्स पढ़ने पर याद तो रहती हैं, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा पढ़ने पर इसका सीधा असर धीरे-धीरे याददाश्त पर पड़ने लगता है।

Pic credit- unsplash 


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