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बच्चों को स्मार्ट और क्रिएटिव बनाने के साथ और भी कई मामलों में फायदेमंद साबित हो रहे हैं स्मार्ट टॉयज़

यह सच है कि पारंपरिक भारतीय खिलौने पूरी दुनिया में पसंद किए जाते हैं लेकिन टेक्नोलॉजी के विकास के साथ अब एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित खिलौनों का चलन बढ़ने लगा है। जो बच्चों को बहुत स्मार्ट और क्रिएटिव बना रहे हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 16 Feb 2022 07:27 AM (IST)Updated: Wed, 16 Feb 2022 07:27 AM (IST)
बच्चों को स्मार्ट और क्रिएटिव बनाने के साथ और भी कई मामलों में फायदेमंद साबित हो रहे हैं स्मार्ट टॉयज़
खिलौने से खेलकर खुश हो रहा बच्चा

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित खिलौने जिस प्रकार बच्चों से संवाद करते हैं उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं, उससे बच्चों में इन गुणों का विकास होता है। इसलिए ऐसे खिलौने को बच्चों के बिगाड़ने का नहीं बल्कि उन्हें संवारने और स्मार्ट बनाने का जरिया समझें। पेरेंट्स के लिए टॉकिंग टॉय एक बेहतरीन खोज है, लेकिन बच्चों को केवल इनके भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता, इस बात को भी समझना जरूरी है।

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1. सोशल स्किल्स

जब बच्चे स्मार्ट खिलौनों से खेलते हैं तो उनमें तर्कशक्ति और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। पहेलियों या फिर क्विज जैसे खिलौने स्वतंत्र रूप से सोचने की उनकी क्षमता विकसित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे इनके जरिए भी उचित सामाजिक व्यवहार सीख सकते हैं। एआई पर आधारित कुछ खिलौने अच्छी और बुरी भावनाओं को समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए कुछ खिलौनों को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है कि अगर साथ कोई बुरा व्यवहार करता है तो वे उदास हो जाते हैं। फिर बच्चों को इनके साथ खेलने के लिए अच्छे शब्द ढूंढने पड़ते हैं।

2. कल्पना-शक्ति का विकास

प्रत्येक बच्चा खेलते समय अपने खिलौनों के चारों ओर एक नई दुनिया बना लेता है। एआई पर आधारित खिलौना उन्हें इस दुनिया को और विकसित करने में मदद कर सकता है।

3. सीखने की क्षमता

स्मार्ट खिलौने बच्चों के सीखने की क्षमता को भी विकसित करते हैं। इन्हें हर आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये उन्हें नई बातें सीखने की क्षमता को प्रोत्साहित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्मार्ट खिलौने बच्चों को डिजिटल दुनिया से परिचित कराते हैं। कंप्यूटर के साथ बच्चों का जितनी जल्दी इंटरैक्शन होता है, उनका कौशल उतनी तेजी से विकसित होता है। कुछ खिलौने एसटीईएम यानी साइंस, टेक्नोलाजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स जैसे विषयों पर आधारित होते हैं, जो बच्चों को बुनियादी प्रोग्रामिंग के बारे में भी बताते हैं। खासतौर पर वर्किंग पेरेंट्स के बच्चों के बीच ये खिलौने ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं।

Pic credit- freepik


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