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सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर न हो उदास, इन छोटी-छोटी चीज़ों में तलाशें खुशी

कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए इन दिनों सोशल डिस्टेंसिंग पर काफी जोर दिया जा रहा है जिससे संक्रामक वायरस को बढ़ने से रोका जा सके। तो ऐसे वक्त में हम खुद को खुश कैसे रखें जानेंगे।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 12:10 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 12:10 PM (IST)
सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर न हो उदास, इन छोटी-छोटी चीज़ों में तलाशें खुशी
सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर न हो उदास, इन छोटी-छोटी चीज़ों में तलाशें खुशी
बीते शुक्रवार (20 मार्च) अंतरराष्ट्रीय खुशी का दिन था और इस वर्ष के लिए चुना गया विषय था- 'साथ में ख़ुशी'। मगर कोरोना संकट के चलते खुशी से इतर हर एक को सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह दी जा रही है ताकि इस प्रकोप को रोका जा सके, इसे नियंत्रित किया जा सके। ऐसे में, इस हालात में क्या हम अलग-थलग रहकर खुश रह सकते हैं? क्या खुशी के लिए लोगों के करीब होना जरूरी है? हैप्पीनेस इंटरनेशनल के संस्थापक केनेथ बेंजामिन कहते हैं, 'खुशी तब होती है जब आपका जीवन आपकी आवश्यकताओं को पूरा करता है'। मार्टिन सेलिगमैन ने ऑथेंटिक हैप्पीनेस नाम से अपनी एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसमें हैप्पीनेस का मतलब बताया गया है। दरअसल, यह हमारे मानसिक निर्माण पर निर्भर करता है कि हम इसे कैसे और किस रूप में देखते हैं। हम में से कुछ के लिए यह वर्तमान क्षण में है, तो कुछ के लिए यह अतीत के अनुभवों को राहत देने के बारे में है और हम में से कुछ के लिए यह भविष्य की कल्पना करने के बारे में है। हम में से कुछ के लिए यह अकेले समय बिताने के बारे में है, जबकि दूसरों के लिए, यह उन लोगों के साथ है जो मायने रखते हैं!

ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात सामाजिक दूरी के समय में खुद को खुश रखने के लिए यहां दिए जा रहे उपाय उपयोगी साबित हो सकते हैं:

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1. टेक्नोलॉजी का उपयोग: चाहे हम एकांत पसंद करते हैं या हम लोगों की कंपनी में रहना पसंद करते हैं, टेक्नोलॉजी ऐसे समय के लिए एक बेहतरीन जरिया हो सकती है। यदि आप लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं, तो प्रौद्योगिकी का उपयोग करें, उन लोगों के साथ वीडियो कॉल करें, जिनकी आप परवाह करते हैं, जिनसे जुड़े रहते हैं। एक वीडियो कॉल पर एक साथ एक कॉफी लें। अनुभव भले ही एकदम सामान न हो, लेकिन यह काफी उपयोगी हो सकता है।

2. पुराने शौक: हम सभी के अपने-अपने शौक हैं लेकिन जीवन की भागदौड़ में कहीं खो गए हैं। उन पुराने शौक को फिर से समय दें, जैसे कि किताबें पढ़ना, पक्षी देखना, संगीत सुनना या बस कुछ भी! यह देखा गया है कि अपने पुराने शौक को पूरा करने से निराशावाद से बहुत हद तक बाहर निकलने में मदद मिलती है।

3. इनोवेटिव बनिए: हमें सोशल डिस्टेंसिंग में रहने की सलाह दी जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने जीवन को नीरस और बेस्वाद बना लें। दुनियाभर के लोग खाना पकाने के तरीके में कुछ नया कर रहे हैं, लोग परीक्षा के नए तरीके निकल रहे है, लोग आराम करने के नए तरीके ईजाद कर रहे है। आप भी इस समय का सही इस्तेमाल कर कुछ नया क्यों नहीं करते?

4. एक नया कौशल चुनें: एक नया कौशल, एक नई भाषा, एक कोर्स चुनें जो आपके मौजूदा ज्ञान को तेज कर सकता है या आपकी यात्रा को पूरी तरह से नए अंदाज में शुरू कर सकता है। एक ऑनलाइन पाठ्यक्त्रम में भाग लेने से न केवल आपका दिमाग व्यस्त रहेगा, आपके कौशल को तेज करेगा, बल्कि आपको उस अस्वस्थता से भी दूर रखेगा जो कुछ भी नहीं करने से होती है ।

5. आभार का अनुसरण: हमारे जीवन में हमेशा कुछ ऐसा होता है, जिसके लिए हम शुक्रगुज़ार हो सकते हैं। हम इस समय को अपने परिवार के साथ बिता सकते हैं। कृतज्ञता हमारे मन को सकारात्मक चीजों के प्रति ध्रुवीकृत करती है और इस प्रकार अवांछित नाखुशी को दूर करती है। जो लोग मुश्किल वक्त में हमारी मदद के लिए जोखिम उठाकर खड़े हैं, उनके प्रति हमें कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।

विनीत टंडन


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