3डी प्रिंटिंग से चांद पर बनेगा बसेरा
वैज्ञानिकों ने चांद और मंगल पर मिलने वाली मिट्टी से 3डी प्रिंटिंग के जरिये छोटे उपकरण से लेकर बड़े भवन तक बनाने की तकनीक विकसित की है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। 3डी प्रिंटिंग की तकनीक धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी वैज्ञानिकों के लिए सहायक हो रही है। वैज्ञानिकों ने चांद और मंगल पर मिलने वाली मिट्टी से 3डी प्रिंटिंग के जरिये छोटे उपकरण से लेकर बड़े भवन तक बनाने की तकनीक विकसित की है। इस तकनीक की मदद से धरती से परे ग्रहों पर कॉलोनियां बनाना संभव हो सकता है।
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मंगल और चांद की धूल जैसे कणों से 3डी प्रिंटिंग के जरिये विभिन्न आकृतियां बनाने में सफलता हासिल की है। इस प्रक्रिया में 3डी पेंटिंग तकनीक का सहारा लिया गया। इस तकनीक से पहले लचीली अस्थियां, ग्रेफीन और कार्बन नैनोट्यूब बनाए जा चुके हैं। सहायक प्रोफेसर रेमिल
शाह ने कहा, 'धरती से इतर ग्रहों और चंद्रमा पर सीमित संसाधन ही उपलब्ध हैं। वहां रहने के लिए इन्हीं संसाधनों से व्यवस्था करने की आवश्यकता है। हमारी 3डी पेंट तकनीक धरती से परे रहने की व्यवस्था बनाने में सक्षम है।' 3डी प्रिंट से तैयार रबड़ की तरह लचीली और मजबूत इन आकृतियों में 90 फीसद तक उन ग्रहों की धूल का प्रयोग होगा।
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