133 साल पुराने जीवाश्म में डायनासोर के मस्तिष्क के ऊतक मिल
वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि करीब दशक पहले इंग्लिश बीच पर उन्हें भूरे रंग का जो टुकड़ा मिला था, वह पत्थर नहीं, बल्कि डायनासोर के मस्तिष्क के ऊतकों का जीवाश्म है।
पहली बार शोधकर्ताओं के एक दल ने इंग्लैंड में रहस्यमयी डायनासोर के मस्तिष्क के ऊतकों से बने एक अवशेष का पता लगाने का दावा किया है। इससे अब यह धारणा भी झूठी साबित हुई है कि डायनासोर में समझ-बूझ की क्षमता न के बराबर होती थी। इसी हफ्ते वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि करीब दशक पहले इंग्लिश बीच पर उन्हें भूरे रंग का जो टुकड़ा मिला था, वह पत्थर नहीं, बल्कि डायनासोर के मस्तिष्क के ऊतकों का जीवाश्म है। बताते हैं कि 133 साल पुराना यह ब्रेन टिश्यू अवशेष लंबे समय तक चट्टानों में दबा हुआ था। इससे इसकी ऊपरी परत उतर गई थी। इंग्लैंड के ससेक्स स्थित बेक्सहिल के निकट समुद्रतट से मिले इस पत्थर के टुकड़े के महत्व को सबसे पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन ब्रेजियर ने पहचाना, जिनका कुछ वर्ष पहले निधन हो गया।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता के अनुसार, वैज्ञानिकों ने डायनासोर के इस अवशेष की पहचान स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (एसइएम), इमेजिंग और कंप्यूटेड टेमोग्राफी (सीटी) स्कैनिंग टेक्नोलॉजी की से मदद की। एक सूत्र का कहना है कि जीवाश्म में मिले ऊतक आज के पक्षियों और मगरमच्छों की तरह ही हैं।