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ज़िका, चिकनगुनिया और डेंगू: नए और फिर उभरने वाले आर्बोवायरल रोगों के कारण और ख़तरे

आर्बोवायरल रोगों में तीन प्रमुख रोग हैं ज़िका चिकनगुनिया और डेंगू। ये तीनों रोग मच्छरों द्वारा फैलाए गए अलग-अलग वायरस और परजीवी द्वारा होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 10:27 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 12:45 PM (IST)
ज़िका, चिकनगुनिया और डेंगू: नए और फिर उभरने वाले आर्बोवायरल रोगों के कारण और ख़तरे
ज़िका, चिकनगुनिया और डेंगू: नए और फिर उभरने वाले आर्बोवायरल रोगों के कारण और ख़तरे

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हमारे जन जीवन को मच्छर खूब ज़्यादा प्रभावित करते हैं और इनसे होने वाली बीमारी को आर्बोवायरल रोग कहा जाता है। आर्बोवायरल रोग का मतलब ही यही होता है- ऐसी बीमारी जिसका संबंध मच्छर के काटने से हो। आर्बोवायरल रोगों में तीन प्रमुख रोग हैं ज़िका, चिकनगुनिया और डेंगू। ये तीनों रोग मच्छरों द्वारा फैलाए गए अलग-अलग वायरस और परजीवी द्वारा होता है, लेकिन इन सभी वायरस के वाहक एक ही तरह के मच्छर होते हैं। जिनमें एडीज़ नाम के मादा प्रजाति के मच्छर प्रमुख हैं, जो इन वायरस को एक शरीर से दूसरे शरीर में संक्रमण करने का काम करते हैं।

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इन तीनों प्रकार के रोगों की रोकथाम के लिए भारत सरकार ने आज़ादी के बाद से ही अनेक प्रयास किए हैं और कई दवाइयां भी बनाई हैं। लेकिन एक बार सफल होने के बाद ये काफी तेज़ी से वापस भी बढ़ता चला गया। जिसका प्रमुख कारण यह है कि इन मच्छरों में उन दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास होना, जिससे इन पर उन दवाइयों का कोई प्रभाव नहीं पड़ सका। इसके अलावा इसका एक और कारण यह भी है कि आम जनता में इसके प्रति जागरूकता कम है और चिकित्सा व्यवस्था भी हर जगह उपलब्ध नहीं है। जागरूकता के अभाव से आम लोग अपने बचाव में सही से रोकथाम ही नहीं कर पाते हैं।

यह काफी चिंताजनक बात है कि आज़ादी के 73 सालों बाद भी इस तरह के रोगों मे मानव जनजीवन की नाक में दम कर रखा है। अगर इसके प्रति हम जागरूक बने तो इससे हम निजात पाने में सफल हो सकते हैं। तो, पहले हम इसके ख़तरे और उसके बाद रोकथाम की बात करेंगे। 

इन सारे रोगों में तेज़ बुखार आना, शरीर में पानी की कमी होना, कमज़ोरी आना, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, उल्टी, चक्कर आना और काफी ज़्यादा दिनों तक रहने पर बेहोशी भी आ सकती है। और उसके बाद यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। साथ ही इससे ठीक होने के बाद भी जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द बना रह सकता है। इसलिए लोगों के मन में यह डर बैठ चुका है कि यह बीमारी ख़तरनाक है। यह बात भी सही है कि सही इलाज और रोकथाम की कमी के कारण यह ख़तरनाक साबित हो सकती है।

वीनस क्लीनिक के त्वचा विशेषज्ञ डॉ. सी.एम गुरि ने बताए बचाव के कुछ उपाय:

1. मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करें।

2. घर में या उसके आस-पास जल-जमाव न होने दें क्योंकि मच्छरों का प्रजनन उसमें होता है।

3. मच्छरदानी का प्रयोग करें।

4. दिन में भी मच्छररोधी कॉयल जला कर रखें।

5. बाहर जाते समय मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें।

6. पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।

7. पानी की टंकियों के ढ़क्कन बंद रखें।

8. सप्ताह में एक दिन टंकी को खाली करें व सुखाने के बाद प्रयोग करें। 

डॉ. सी.एम गुरि का कहना है कि अगर हम इन सारी बातों को ध्यान में रखें तो इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है।


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