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दिमाग को शांत करने के साथ ही आपकी सेहत का भी ख्याल रखते हैं ये योगासन

योग के दौरान शरीर से टेंशन दूर होने लगती है जबकि मांसपेशियां रिलैक्स होने लगती हैं। इसलिए योगा को बनाएं अपने डेली रूटीन का हिस्सा्।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 10:09 AM (IST)
दिमाग को शांत करने के साथ ही आपकी सेहत का भी ख्याल रखते हैं ये योगासन
दिमाग को शांत करने के साथ ही आपकी सेहत का भी ख्याल रखते हैं ये योगासन

योग करने के दौरान हमें कुछ आसन करने होते हैं और कई बार गहरी सांसें भी लेनी होती हैं। ये क्रियाएं हमारे पैरासिम्पैथेटिक नवर्स सिस्टम को सक्रिय कर देती हैं, जिससे हमारा शरीर और मन रिलैक्स होने लगता है। योग के दौरान शरीर से टेंशन दूर होने लगती है जबकि मांसपेशियां रिलैक्स होने लगती हैं। पैरासिम्पैथेटिक नव्र्स सिस्टम के सक्रिय होने से एंड्रोफिंस को रिलीज़ होने में मदद मिलती है, इन्हें हैपी हार्मोन्स भी कहा जाता है। योगासन के अभ्यास और प्राणायाम में सांस लेने और छोडऩे से स्ट्रेस और एंग्ज़ायटी को दूर रखने में काफी हद तक मदद मिलती है।

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उत्थित त्रिकोणासन

इस आसन में ट्विस्ट के साथ ही स्ट्रेचिंग को शामिल किया जाता है। उत्थित त्रिकोणासन न सिर्फ रीढ़ की हड्डी को खोलने में बल्कि एंग्ज़ायटी को दूर करने में भी मदद करता है। इसे करने के लिए एकदम सीधे खड़े हो जाएं। पैरों में गैप बनाएं। अब दाएं हाथ को ज़मीन पर रखते हुए बाएं हाथ को एकदम सीधा रखने का प्रयास करें। इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुकें। ठीक दूसरे हाथ से भी करने का प्रयास जारी रखें।

धनुरासन

यह आसन न सिर्फ शोल्डर्स बल्कि सीने, और गर्दन की मांसपेशियों को भी एक्सपेंड करने में मदद करता है। यह पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों और पीठ को मज़बूत बनाता है और शरीर की कोर स्ट्रेंथ

को स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार है।

दंडासन

यह आसन शरीर में कोर स्ट्रेंथ विकसित करने में मदद करता है। इसका अभ्यास पहली नज़र में आसान दिख सकता है। लेकिन सांसों को नियमित रूप से लेने और छोडऩे के साथ ही रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में का$फी ज़ोर लगाना पड़ता है। 

एक बार जैसे ही आप इस आसन को करना बंद करते हैं, रीढ़ पुरानी स्थिति में वापस आ जाती है। इसके साथ ही सारा स्ट्रेस और तनाव भी कम करने में मदद मिलती है। इस बेसिक से दिखने वाले आसन को करने से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। इसे कम से कम तीन बार दोहराएं।

शवासन

शवासन, एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन को दूर करने के लिए किए जाने वाले योगासनों में से सबसे बेहतर है। शवासन न सि$र्फ शरीर बल्कि दिमाग को ज़बरदस्त आराम देता है। कठिन वर्कआउट में आमतौर पर स्ट्रेचिंग, ट्विस्टिंग, कांट्रैक्टिंग और मसल्स की इवर्टिंग शामिल होती है। ऐसे योगासन के बाद शरीर को रीचार्ज करने के लिए आराम बेहद ज़रूरी है। किसी भी तरह की हाई इंटेंसिटी वर्कआउट या योग के बाद शवासन का अभ्यास ज़रूर करना चाहिए। महज़ 5-10 मिनट शवासन का अभ्यास करने से ही पूरे शरीर को एनर्जी मिल जाती है। योग से शरीर के नर्वस सिस्टम में ढेर सारी न्यूरोमस्क्युलर इनफॉर्मेशन पहुंचती है। इसे करने के लिए सीधे लेट जाएं। पैरों के बीच में थोड़ा गैप रखें। दोनों हाथों को भी फैलाएं। सिर एकदम छत की ओर होना चाहिए।


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