Move to Jagran APP

सर्वाइकल पेन दूर करने के लिए 5 कारगर आसन

गर्दन का दर्द इग्नोर करने से या दर्द को सामान्य दवाओं के सहारे टाल देने से ये धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। लेकिन योगासनों से दर्द में आराम के साथ ही इन्हें जड़ से भी दूर किया जा सकता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 11:56 AM (IST)
सर्वाइकल पेन दूर करने के लिए 5 कारगर आसन
सर्वाइकल पेन दूर करने के लिए 5 कारगर आसन

दिन भर बैठे रहने से, कुर्सी या सोफे पर आड़े-टेढ़े बैठने से, सीधा न चलने और कम शारीरिक मेहनत की वजह से कई बार हमारी कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं और इनमें दर्द शुरू हो जाता है। ऐसा ही एक पेन है सर्वाइकल पेन यानि गर्दन का दर्द, जिससे आजकल बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं। गर्दन से शुरू हुआ ये दर्द इग्नोर करते रहने से या दर्द की सामान्य दवाओं के सहारे टाल देने से धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। गर्दन के बाद ये दर्द कमर और पैरों तक पहुंच जाता है। जो बहुत ही तकलीफदेह होता है। इसे दूर करने का योग से बेहतरीन कोई दूसरा उपाय नहीं। तो आज जानेंगे ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में।

loksabha election banner

सर्वाइकल पेन यानी गर्दन दर्द को ठीक करने के लिए कारगर आसन 

सूक्ष्म व्यायाम1:- इसमें आप सीधे वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं, दोनों हाथों की मुट्ठी बांधकर छाती के सामने कुछ इस प्रकार रखें। फिर धीरे-धीरे सांस भरते हुए मुट्ठी को सामने की तरफ़ खीचें, ध्यान रखें आपकी हथेली की मुट्ठी आपस में खुलनी नहीं चाहिए। आपको अपनी कलाई को अधिक से अधिक खींचना है आगे की तरफ़, कुछ सेकण्ड्स के लिए पूर्ण स्थिति में जाकर रुकना है,फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आपको वापस सामान्य स्थिति में आना है। इस क्रम को आप लगातार 10 से 15 बार दोहराएंगे। इसके लगातार अभ्यास से हाथों से लेकर गर्दन तक की नाड़ियां खुल जाएंगी और सर्वाइकल का दर्द ठीक हो जाएगा।

सूक्ष्म व्यायाम 2:-  इसमें आप सीधे वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं, धीरे-धीरे गर्दन को मोड़ते हुए ऊपर की तरफ़ खिंचाव दें। सांस भरते हुए आपको गर्दन को ऊपर की तरफ़ खिंचाव देना है, फिर उसके विपरीत दिशा में सांस छोड़ते हुए नीचे की तरफ खिंचाव देना है। ध्यान रखें जब आप ऊपर की तरफ खिंचाव दें तो आपको सांस भरना है और जब नीचे की तरफ गर्दन को लाएं तो सांस को छोड़ना है। नीचे की तरफ लाने की कोशिश में आपको अपनी ठुड्ढी को कंठ से लगाने का अभ्यास करना है। इसका लगातार 5 से 10 बार अभ्यास करने से आपको गर्दन के दर्द में आराम मिलेगा।

 

सूक्ष्म व्यायाम 3:-इसमें आप सबसे पहले अपनी गर्दन को ट्विस्ट करेंगे। सांस भरते हुए धीर-धीरे एक तरफ़ ट्विस्ट करेंगे किसी एक दिशा में गर्दन को ले जाएंगे, धीरे-धीरे सांस भरते हुए वापस सामान्य स्थिति में लाएंगे। इसी क्रिया को फिर विपरीत दिशा में ले जाएंगे सांस भरते हुए और सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में लाएंगे। आपको गर्दन की ट्विस्टिंग को लगातार 10 से 15 बार दोनों दिशाओं में सांस के साथ अभ्यास करना है। इस व्यायाम को लगातार 10 से 15 दिन करने से आपको गर्दन दर्द में आराम मिल जाएगा।

गर्दन दर्द से आराम के लिए चौथा आसन है उष्ट्रासन

इसमें सबसे पहले आप वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं, उसके बाद धीरे-धीरे घुटनों के बल खड़े हो जाएं और फिर अपने किसी भी एक हाथ को पूरा गोल घुमाते हुए अपनी एड़ी पर ले जाकर टिका दें,जब आपका एक हाथ पूर्णतः एड़ी पर टिक जाए, उसके बाद दूसरे हाथ को समान स्थिति के साथ वापस लेकर दूसरी एड़ी के साथ टिका दें। पूर्णतः आसन में आने के बाद कुछ देर तक आपको रुकना है, जितना हो सके कमर को आगे की तरफ़ यानी कि विपरीत दिशा में पैरों को खींचना है और गर्दन को पीछे की तरफ़ खींच कर अधिक से अधिक समय तक रुकना है। कम से कम 10 से 15 सेकंड तक आपको इस आसन में रुकना है। जब आप आसन में वापस आएंगे तो बिल्कुल वैसे ही वापस आना है जैसे आप गए थे। धीरे से एक हाथ को घुमाकर आगे लाएं और फिर दूसरे हाथ को। इसके लगातार 10 से 15 अभ्यास प्रतिदिन करने से आपको कुछ ही दिनों में गर्दन दर्द में पूरी तरह से आराम मिल जाएगा।

पांचवा आसनः- अनुलोम-विलोम प्राणायाम

इसमें आप सर्वप्रथम वज्रासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। एक हाथ को ज्ञानमुद्रा में रखें, दूसरे हाथ की तर्जनी और अनामिका ऊंगली का इस्तेमाल करते हुए एक-एक नासिका पुट को आप बंद करेंगे, दूसरे को खोलेंगे। सर्वप्रथम आप अपने दाहिने नासिका पुट को बंद करके बायीं नासिका से सांस लेंगे और फिर धीरे-धीरे उसको दाहिनी नासिका से छोड़ देंगे, वापस आपको दाहिनी नासिका से सांस लेना है और फिर बायीं से छोड़ देना है इसी कर्म को आपको 15 से 20 मिनट तक दोहराना है। एक नासिका से आपको सांस लेनी है दूसरी नासिका से आपको सांस छोड़नी है। सबसे ध्यान रखने वाली बात यह है कि आपको दायीं नासिका से शुरुआत करनी है और जब अंत करेंगे तो आप दाहिनी नासिका से सांस छोड़ते हुए ही इस प्रायाणाम का अंत करेंगे । 15 से 20 मिनट लगातार इस प्राणायाम का अभ्यास करने से कुछ ही दिनों में आपको गर्दन दर्द से पूर्णतः निजात मिल जाएगी

गर्दन दर्द के जो 5 अभ्यास की हमने बात की इन सभी अभ्यासों को कोई भी,किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। जब भी आपको थोड़ा-सा भी गर्दन दर्द महसूस हो आप इसका अभ्यास करके तुरंत आराम पा सकते हैं।

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.