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World Malaria Day 2020 : मलेरिया के मरीजों के लिए रामबाण दवा है यह पक्षी ! जानें-क्या कहती है रिसर्च

हर साल मलेरिया से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। WHO (विश्व स्वास्थ संगठन) के मुताबिक़ इनमें सबसे अधिक मामले अफ्रीका के होते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 08:00 AM (IST)
World Malaria Day 2020 : मलेरिया के मरीजों के लिए रामबाण दवा है यह पक्षी ! जानें-क्या कहती है रिसर्च
World Malaria Day 2020 : मलेरिया के मरीजों के लिए रामबाण दवा है यह पक्षी ! जानें-क्या कहती है रिसर्च

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क।  World Malaria Day 2020 : गर्मी और बरसात के दिनों में मच्छर अधिक सक्रीय हो जाते हैं। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा अधिक बढ़ जाता है। खासकर मलेरिया के मामलों में बड़ी तेज़ी से इजाफा होता है। यह मादा मच्छर एनाफिलीज के काटने से फैलता है। मलेरिया के पैरासाइट ख़ून में फैलने से पहले लीवर में छुपे होते हैं। मलेरिया के मच्छर संक्रमित व्यक्ति का ख़ून पीते हैं और फिर उस पैरासाइट को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते हैं। इससे बचने के लिए लोग क्वाइल्स और वैपोराइज़र्स का यूज करते हैं।

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वहीं, विश्व स्वास्थ संगठन ने 2030 तक जीरो मलेरिया का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कई रिसर्च किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इथिओपिया और स्वीडन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि मलेरिया फैलाने वाले मच्छर मुर्गियों और दूसरे पक्षियों से दूर भागते हैं। पश्चिमी इथिओपिया में किए गए एक शोध के अनुसार मच्छरदानी में सोए हुए एक शख़्स के पास पिंजरे में मुर्गी रखी गई।

स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइन्सेज़ के शोधकर्ता भी इस अध्ययन में शामिल थे। इस प्रयोग में मुर्गी के पंखों से निकाले गए रसायनों और जीवित मुर्गियों का इस्तेमाल किया गया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि मुर्गी और इन रसायनों से मच्छरों की संख्या में काफी कमी आई थी।

इस शोध के मुताबिक़ वैज्ञानिकों इस परिणाम पर पहुंचे हैं कि मच्छर अपना शिकार महक से ढूंढते हैं, तो हो सकता है कि मुर्गी की महक में कुछ ऐसा हो जो उन्हें पसंद न आता हो। इस शोध में शामिल अडीस अबाबा यूनिवर्सिटी के हाब्ते तेकी ने कहा कि मुर्गी की महक से कुछ रसायन निकालकर उन्हें मच्छर दूर रखने वाली क्रीम में इस्तेमाल किया जा सकता है। आगे इस शोध में फील्ड ट्रायल किए जाएंगे।

गौरतलब है कि हर साल मलेरिया से दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। WHO (विश्व स्वास्थ संगठन) के मुताबिक़ इनमें सबसे अधिक मामले अफ्रीका के होते हैं। भारत में भी मलेरिया के मरीजो की संख्या में हर साल बढ़ोत्तरी होती है।


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