World Heart Day: अचानक आए Cardiac Arrest, तो क्या करें?
World Heart Day कार्डीऐक अरेस्ट दुनियाभर में मौतों का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। साल 2017 में अमेरिका में अचानक आए कार्डीऐक अरेस्ट की वजह से करीब 3 लाख 57 हज़ार लोगों को जान गवांनी पड़ी थी।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Heart Day: हाल ही में क्रिकेट के लीजेंड्री खिलाड़ी डीन जोन्स का अचानक आए कार्डीऐक अरेस्ट से निधन हो गया। इससे पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का निधन भी अचानक दिल की धड़कने रुक जाने की वजह से हुआ था। वह एक प्रतिष्ठित कॉलेज में लेक्चर देते वक्त अचानक गिर पड़े थे। ऐसे कई परिवार हैं, जिन्होंने अचानक आए कार्डीऐक अरेस्ट की वजह से अपने करीबियों को खोया है।
कार्डीऐक अरेस्ट दुनियाभर में मौतों का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। साल 2017 में, अमेरिका में अचानक आए कार्डीऐक अरेस्ट की वजह से करीब 3 लाख 57 हज़ार लोगों को जान गवांनी पड़ी थी। हर साल दुनियाभर में 5 से 10 लाख लोगों की मौत कार्डीऐक अरेस्ट की वजह से होती है, जिसमें 10 प्रतिशत मामले भारत में देखे जाते हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण, हम में से अधिकांश लोगों की शारीरिक गतिविधि कम हो गई है और मानसिक तनाव बढ़ गया है। वायरस के संपर्क में आने के डर से लोग डॉक्टरों और अस्पतालों में जाने से बच रहे हैं। जिसकी वजह से कार्डीऐक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं। सबसे बड़ी चुनौती ऐसे में ये है कि ज़्यादातर लोग कार्डीऐक अरेस्ट के बारे में जागरुक नहीं हैं। लोग ये नहीं जानते कि आपके सामने अगर किसी की अचानक दिल की धड़ने रुक जाएं, तो आपको क्या करना चाहिए।
अचानक दिल की धड़कने रुकने का मतलब क्या है?
सबसे पहला सवाल तो यही है कि दिल की धड़कनों का अचानक रुक जाना यानी अचानक कार्डीऐक अरेस्ट होने का मतलब क्या होता है? क्या ये दिल के दौरे की तरह ही होता है? कार्डीऐक अरेस्ट और दिल का दौरा दोनों अलग चीज़ें हैं। दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है। यह रक्त वाहिकाएं हैं जो हृदय की मांसपेशी तक खून को पहुंचाती हैं। क्योंकि दिल एक मांसपेशी है, इसलिए इसे अपना काम करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त की ज़रूरत होती है। कोरोनरी धमनियों में रुकावट की वजह से हार्ट अटैक आता है क्योंकि मांसपेशी तक खून नहीं पहुंच पाता है। अगर रुकी हुई कोरोनरी धमनियों को जल्दी से नहीं खोला जाता है, तो दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं।
वहीं, कार्डिऐक अरेस्ट तब होता है जब दिल पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है। यह दिल में एक इलेक्ट्रिक खराबी से शुरू होता है, जिसकी वजह से दिल की धड़कने अनियमित हो जाती हैं। इन दोनों के बीच प्राथमिक अंतर यही है, दिल के दौरे के मामले में, हृदय धड़कता रहता है, भले ही हृदय की मांसपेशी को खून न मिल रहा हो।
किसी को कार्डीऐक अरेस्ट हो रहा है ये कैसे पता चलेगा?
अगर आप किसी को अपने सामने बेहोश होते देखें, तो सबसे पहले उस व्यक्ति को ज़मीन पर सीधा लेटाएं। उसे बिठाने या फिर खड़ा करने की कोशिश न करें। अगर वो व्यक्ति सिर्फ बेहोश हुआ है, तो उसे 20 से 30 सेकेंड में होश आ जाएगा। लेकिन अगर उसे 40 से 50 सेकेंड में भी होश न आए, तो वो कार्डीऐक अरेस्ट हो सकता है।
आपको जैसे ही लगे कि ये कार्डीऐक अरेस्ट है, तो सबसे पहले किसी को मदद के लिए पुकारें। अगर आपके आसपास कोई नहीं है, तो एमर्जेंसी नम्बर पर फोन करें। व्यक्ति को ज़मीन पर सीधा लेटे पहने दें। उसके कंधे को हिलाकर उसे ज़ोर से पुकारें और देखें कि वह कैसी प्रतिक्रिया देता है। अगर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता, तो उसकी सांस और धड़कनों को चेक करें। अगर आपको उसकी धड़कने नहीं सुनाई देती, तो फौरन चेस्ट कम्प्रेशन की मदद से उसे होश में लाने की कोशिश करें।
Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।