रमजान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी की गाइडलाइंस
WHO GUIDELINE- रमजान में इबादत करना चाहते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें ताकि आप कोरोना जैसी बीमारी से बच सकें।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल। रमजान का महीना भी इस बार कोरोना की चपेट में आ गया। ये वो पाक महीना है, जिसमें मस्जिदें नमाजियों से रोशन होती हैं, लेकिन इस साल मस्जिदों में ताले लग हुए हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे एक महीने रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है। दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के साथ इफ्तार पार्टी का इंतजाम किया जाता है।
मगर साल 2020 का रमजान बाकी सालों से जुदा है। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है। सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी यही हालात हैं। मुसलमानों को इन्हीं हालात के बीच रमजान की इबादत करना होगी। इस बार रमजान के दौरान रोजे रखने वालों पर कई तरह की पाबंदियां होंगी। डब्ल्यूएचओ ने एहतियात बरतते हुए गाइडलाइंस जारी की हैं। गाइडलाइंस में कहा गया है कि इबादत करते समय भी लॉकडाउन का ध्यान रखें और शारीरिक दूरी का पालन करें। इस गाइडलाइन के आधार पर देशों को रमजान के दौरान अपने-अपने तरह से गाइडलाइंस बनाना होगा।
ये हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइंस
- यदि रमजान के लिए कई लोगों को एक जगह पर इकट्ठे होने की मंजूरी दी जाती है तो COVID-19 के खतरे को कम करने के प्रबंध किए जाएं।
- रमजान के समय में एक-दूसरे का अभिवादन करने के लिए सीने पर हाथ रखें या सिर झुकाने जैसे व्यवहार को बढ़़ावा दें।
- यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण हैं तो वो रमजान के दौरान बाहर ना निकले और लोगों से मिलने से बचे।
- बुजुर्गों और किसी गंभीर बीमारी से प्रभावित व्यक्ति को घर में ही रहना चाहिए।
- यदि किसी कारण रमजान के दौरान नमाज के लिए लोग एकत्र होते भी हैं तो वुजू और नमाज के समय सोशल डिस्टेन्सिंग अर्थात दूरी का ख्याल रखा जाए।
- यदि मस्जिद में लोग एकत्र होते भी हैं तो एक दूसरे से दूरी बनाते हुए अंदर आएं। सरकार की तरफ से रमजान में कोरोना को फैलने से बचाने के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
- रमजान के सामाजिक और धार्मिक सामारोहों से जुड़ी हर सूचना साफ और स्पष्ट होनी चाहिए।
Written By Shahina Noor