क्या कार में सैनिटाइजर रखना सुरक्षित है, जानें-CDC की सलाह
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र अनुसार हैंड सैनिटाइजर अल्कोहल युक्त होते हैं जो कि प्रकृति में ज्वलनशील होते हैं।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच सरकार ने अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए चौथे लॉकडाउन में ढील दी है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। इसके लिए लोग आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं। इनमें एक सैनिटाइजिंग है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने एडवाइजरी जारी कर हर आधे घंटे में हाथों को साफ पानी से धोने या सैनीटाइज करने की सलाह दी है। कुछ लोग हर समय अपने साथ सैनिटाइजर लेकर घूमते हैं। ऐसा करना बिल्कुल सही है, लेकिन जब बात कार में सैनिटाइजर रखने की आती है तो यह सही नहीं है। अगर आप इससे वाकिफ नहीं हैं तो आइए जानते हैं-
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र अनुसार, अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र प्रकृति में ज्वलनशील होता है और गर्मी के संपर्क में आने पर कमरे के तापमान में आसानी से वाष्पित हो सकता है। अगर सैनिटाइजर रखे स्थान का तापमान बढ़ता है, तो इसके फटने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यह प्लास्टिक की बोतल में बंद रहता है। इससे तापमान का दबाव और बढ़ जाता है। गर्मी के दिनों में गाड़ियां तपती रहती हैं। इससे गाड़ी के अंदर का तापमान भी बदलता रहता है।
आमतौर पर जब तापमान 300 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो सैनिटाइजर में विस्फोट होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तापमान में बदलाव और लगातार धूप में रहने से सैनिटाइजर के फटने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में कार के अंदर सैनिटाइजर न रखें। वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर भी ऐसा कहा जाता है कि कार में सैनिटाइजर रखने से यह फट सकता है और आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
सैनिटाइजर सुरक्षित स्थान पर रखें
इसे सुरक्षित स्थान पर रखें। बच्चों की पहुंच से दूर रखें। कार में इसे केवल यात्रा के समय रखें। उस समय भी इसे ठंडे जगह पर रखें, ताकि ज्वलनशील पदार्थों से दूर रहें। अपने घर के पेट्स से भी दूर रखें।