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Sudden Cardiac Arrest: युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले? जानें इससे बचाव के 4 आसान तरीके

Cardiac Arrest In Young Adults कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर स्थिति है जिसमें जान जाने का ख़तरा बड़ा होता है। इस बीमारी से बचने के लिए स्वस्थ लाइफस्टाइल और समय पर स्क्रीनिंग बेहद ज़रूरी है। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना भी अहम होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2022 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 12:33 PM (IST)
Sudden Cardiac Arrest: युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले? जानें इससे बचाव के 4 आसान तरीके
Sudden Cardiac Arrest: जानें युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं कार्डियक अरेस्ट के मामले

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cardiac Arrest In Young Adults: एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक दुल्हन की दूल्हे को वरमाला पहनाने के बाद मौत हो गई। यह मामला लखनऊ के पास मलिहाबाद क्षेत्र का है। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर एक दूसरे के सामने खड़े थे। दूल्हे ने दुल्हन शिवांगी को वरमाला पहनाई, इसके बाद जब शिवांगी की बारी आई, तो वह दुल्हे को वरमाला पहनाकर स्टेज पर ही गिर पड़ी।

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दुल्हन को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। खबरों के मुताबिक, दुल्हन की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई। इतनी कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट पड़ने का यह पहला मामला नहीं है। इस साल ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जिसमें कम उम्र के लोगों की जान दिल का दौरा या फिर कार्डियक अरेस्ट की वजह चली गई।

युवाओं में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने के मामले पिछले कुछ समय में काफी बढ़ गए हैं या कह सकते हैं कि सामने आने लगे हैं। अमेरिका के सीडीसी का अनुमान है कि अमेरिका में करीब 2000 युवा जिनकी उम्र 25 साल से कम है, अचानक आए कार्डियक अरेस्ट की वजह से जान गंवा बैठते हैं। तो आइए जानें कि आखिर कार्डियक अरेस्ट क्या होता है और इससे जान कैसे बचाई जा सकती है।

कार्डियक अरेस्ट?

कार्डियक अरेस्ट तब आता है, जब दिल अचानक ब्लड को पम्प करना बंद कर देता है या फिर दिल की धड़कने बंद हो जाती हैं। ऐसा आमतौर पर बिना किसी चेतावनी के होता है। जब किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आता है, तो वह अचानक ज़मीन पर गिर जाता है, बेहोश हो जाता है और सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। बिना वजह बेहोश हो जाना, सीने में दर्द या फिर सांस लेने में तकलीफ और परिवार में कार्डियक अरेस्ट का इतिहास, कुछ ऐसे संकेत हैं, जिन पर नज़र ज़रूर रखनी चाहिए। कार्डियक अरेस्ट से मौत भी हो सकती है, अगर समय से इसका इलाज न किया जाए।

युवाओं में कार्डियक अरेस्ट के कारण क्या हैं?

कार्डियक अरेस्ट के कारण आमतौर पर एक व्यक्ति की उम्र पर भी निर्भर करते हैं। 35 से ज़्यादा की उम्र वाले लोगों में आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट कोरोनरी आर्टेरी डिज़ीज़ की वजह से होते हैं। वहीं, युवा लोगों में कार्डियक अरेस्ट के कारण कई हो सकता हैं:

1. हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी

यह दिल के रोग का एक जटिल प्रकार है, जिसमें हृदय की मांसपेशी बहुत मोटी हो जाती है।

2. कोरोनरी आर्टरी अबनॉर्मलिटीज़

कई लोग ऐसे कोरोनरी आर्टरीज़ के साथ पैदा होते हैं, जो आपस में असामान्य तरीके से जुड़ी होती हैं। जिसकी वजह से एक्सरसाइज़ करने के दौरान हृदय की मांसपेशियों तक रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है, जिसकी वजह से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

3. लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम

इस तरह का हार्ट रिदम डिसॉर्डर जेनेटिक होता है और तेज व अराजक दिल की धड़कन पैदा कर सकता है।

4. ब्रुगाडा सिंड्रोम

एक आनुवंशिक विकार जो हृदय की सामान्य लय को बाधित करता है। हृदय की संरचनात्मक असामान्यताएं, हृदय की मांसपेशियों में सूजन आदि युवा वयस्कों में अचानक कार्डियक अरेस्ट के कुछ अन्य कारण हैं।

क्या अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट को रोका जा सकता है?

कुछ चीज़ों को देख ज़रूरी कदम उठाए जाएं, तो अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है:

1. परिवार में इतिहास

अगर आपके परिवार में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने का इतिहास है, तो आपको अपने डॉक्टर से स्क्रीनिंग के विकल्प के बारे में बात ज़रूर करनी चाहिए। इससे आप अचानक मृत्यु से बचेंगे।

2. डीफिब्रिलेटर और सीपीआर

डीफिब्रिलेटर हर जगह उपलब्ध होता है और अचानक आए कार्डियक अरेस्ट में जान बचाने में काम आता है। कार्डियक अरेस्ट होने पर एक डीफिब्रिलेटर सामान्य दिल की धड़कन को बहाल करने के लिए जल्दी से बिजली का झटका देने का काम करता है। इसके अलावा स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिस में सीपीआर देने की ट्रेनिंग सभी को देनी चाहिए।

3. चेतावनी के संकेत

कार्डियक अरेस्ट से जान बचाने के लिए सबसे ज़रूरी है चेतावनी के संकेतों को समझना और जल्दी से मेडिकल मदद लेना जिससे जान को बचाया जा सके। अचानक आने वाला कार्डियक अरेस्ट युवाओं में मौत का बड़ा कारण बना हुआ है। कुछ ऐसे खेल भी हैं, जिनमें कार्डियक अरेस्ट का ख़तरा बढ़ जाता है। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट एक्सरसाइज़ करते वक्त, आराम करते वक्त या फिर सोते वक्त भी हो सकता है। जिन लोगों में कार्डियक अरेस्ट का जोखिम ज़्यादा होता है, उन्हें अपने डॉक्टर से बचाव के तरीकों के बारे में ज़रूर बात करनी चाहिए।

4. लाइफस्टाइल में बदलाव

ऐसी लाइफस्टाइल चुनें जो आपकी दिल की सेहत के लिए अच्छी हो। समय पर चेकअप करवाएं, दिल की बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग भी करवाएं, ताकि अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सके।

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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