Move to Jagran APP

दुनिया का सबसे सस्ता कोरोना टेस्ट है फेलुदा, जानें इसके बारे में सब कुछ

इस टेस्ट को सीएसआईआर यानी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के देवज्योति चक्रवर्ती और सौविक मैती की टीम और जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। जबकि इस टेस्ट का निर्माण टाटा संस द्वारा किया जा रहा है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:31 AM (IST)
दुनिया का सबसे सस्ता कोरोना टेस्ट है फेलुदा, जानें इसके बारे में सब कुछ
आरटी-पीसीआर परीक्षण की कीमत 1,600 से 2,000 रुपये है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया पर व्यापक असर पड़ा है। इस वारस को मात देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। खबरों की मानें तो तकरीबन कई वैक्सीन अंतिम परीक्षण में हैं। इनमें इंग्लैंड और रूस की वैक्सीन सबसे आगे हैं। भारत भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है। ऐसी संभावना है कि जून 2021 में कोरोना वैक्सीन आमलोगों के लिए उपलब्ध होगी। इसके लिए शोधकर्ता, वैज्ञानिक और डॉक्टर्स लगातार काम कर रहे हैं।

loksabha election banner

इस बीच भारत ने सबसे सस्ता कोराना टेस्ट ईजाद किया है जो जेनेटिक एडिटिंग टूल CRISPR/Cas-9 पर आधारित है। इस टेस्ट का नाम फेलुदा टेस्ट है। अक्टूबर के अंत तक बाजार में  फेलुदा टेस्ट के उपलब्ध होने की संभावना है। आइए फेलुदा टेस्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं-

टेस्ट का नाम फेलुदा क्यों है

एडिटर लिंक्ड यूनिफ़ॉर्म डिटेक्शन एसे(FNCAS9)को शार्ट में फेलुदा कहा जाता है। इसका नाम फेलुदा बंगाल के मशहूर फिल्म निर्माता और लेखक सत्यजीत रे के जासूस किरदार पर रखा गया है जो एक प्राइवेट जासूस था और किसी भी तरह से छानबीन कर आरोपी का पता लगा ही लेता था।

टेस्ट किसने विकसित की है

इस टेस्ट को सीएसआईआर यानी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के देवज्योति चक्रवर्ती और सौविक मैती की  टीम और जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। जबकि इस टेस्ट का निर्माण टाटा संस द्वारा किया जा रहा है। फेलुदा टेस्ट को सितंबर महीने में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा अनुमति मिली  है। इस टेस्ट के जरिए नेगेटिव और पॉजिटिव मरीजों की पहचान की जाती है। यह टेस्ट आरटी-पीसीआर परीक्षणों के समान है, जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस निदान के लिए किए जा रहे हैं।

कैसे पता लगता है

यह दुनिया का पहला निदानकारी टेस्ट है जो वायरस का सफलतापूर्वक पता लगाने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित Cas9 प्रोटीन का उपयोग करता है। इसे केवल नाक के स्वैब की जरूरत होती है। जबकि Cas9 प्रोटीन को मरीज की आनुवंशिक सामग्री में SARS-CoV2 कोरोना वायरस से बारकोड किया गया है। इसके बाद Cas9-SARS-CoV2 कॉम्प्लेक्स को पेपर पर रखा जाता है। जहां दो नियंत्रण और परीक्षण पर काम किया जाता है। इस टेस्ट से बड़ी पता चलता है कि व्यक्ति नेगटिव या पॉजिटिव है। फेलुदा टेस्ट की कीमत 500 रुपये हैं, लेकिन बाजार में उपलब्ध होने के बाद इसकी सही कीमत का पता चल पाएगा। वहीं, बात करें आरटी-पीसीआर परीक्षण की तो इसकी कीमत 1,600 से 2,000 रुपये है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.