PICA Eating Disorder: पिका ईटिंग डिसऑर्डर क्या है, जानें-इसके कारण, लक्षण और उपचार
PICA Eating Disorder की समस्या शरीर में खून आयरन जिंक समेत अन्य पोषक तत्वों की कमी चलते होती है। वहीं गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी की वजह से पिका ड ...और पढ़ें

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अक्सर आपने छोटे बच्चों को मिट्टी खाते देखा होगा। कई मौके पर गर्भवती महिलाएं भी मिट्टी और चॉक आदि चीजों का सेवन करती हैं। लोग बच्चे के मिट्टी खाने को सामान्य बात समझ लेते हैं। हालांकि, यह एक प्रकार का विकार है, जिसे पिका ईटिंग डिसऑर्डर (PICA Eating Disorder) कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो मिट्टी खाना सामान्य बात हो सकती है, लेकिन लंबे समय तक मिट्टी खाने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे बच्चे के पेट में कीड़ा होने लगता है, जिसके चलते बच्चे को भूख नहीं लगती है। साथ ही पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में मिट्टी या चॉक खाने की आदत देखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
PICA Eating Disorder क्या है
PICA Eating Disorder की समस्या शरीर में खून, आयरन, जिंक समेत अन्य पोषक तत्वों की कमी चलते होती है। वहीं, गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी की वजह से पिका डिसऑर्डर होता है। एनीमिया के चलते गर्भवती महिला मिट्टी और चॉक खाती हैं। इसके अलावा, कई अन्य कारण की PICA Eating Disorder हो सकता है।
PICA Eating Disorder के लक्षण
-मिट्टी खाने की इच्छा
-चॉक खाना
-राख
-पकी मिट्टी खाना
-राख खाना
पिका ईटिंग डिसॉर्डर का उपचार
पिका के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। प्राथमिक स्तर पर पिका का इलाज संभव है। इसके लिए सबसे पहले रक्त की जांच जरूरी है। इसके बाद, ब्लड रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं। अगर शरीर में रक्त की कमी होती है, तो डाइट में आयरन रिच फूडस को जरूर शामिल करें। इसके अलावा, बच्चे को केला खिलाएं। केला खाने से क्रेविंग की समस्या नहीं होती है। साथ ही बच्चे का पेट हमेशा भरा रहता है। इससे बच्चे की मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है। वहीं, केला खाने से बच्चे के शारीरिक विकास में सहयोग करता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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