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Dengue Spread: डेंगू बुखार क्या है और किन कारणों से फैलता है?

Dengue Spread यह ऐसा संक्रामक रोग है जिसमें मरीज़ को तेज़ बुखार आता इसलिए इसे डेंगू बुखार भी कहा जाता है। इंसान को इंसान से न हो लेकिन एक संक्रमित मच्छर से कई लोगों को हो सकता है

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 05:40 PM (IST)
Dengue Spread: डेंगू बुखार क्या है और किन कारणों से फैलता है?
Dengue Spread: डेंगू बुखार क्या है और किन कारणों से फैलता है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dengue Spread: गर्मी और बारिश के दिनों में डेंगू नामक बीमारी काफी तेज़ी से फैलती है। यह बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है। डेंगू मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है। क्योंकि डेंगू एक संक्रामक रोग है, तो यह और भी खतरनाक हो जाता है और महामारी का रूप भी ले सकता है। यह ऐसा संक्रामक रोग है, जिसमें मरीज़ को तेज़ बुखार आता इसलिए इसे डेंगू बुखार भी कहा जाता है। बेशक ये एक इंसान से दूसरे इंसान को न हो लेकिन एक संक्रमित मच्छर से अधिक से अधिक लोगों को हो सकता है।

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सरल शब्दों में अगर मच्छर किसी डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को काटता है तो उसका खून भी साथ में चूसता है। ऐसे में उस मरीज़ के खून में शामिल डेंगू का वायरस मच्छर को भी संक्रमित कर देता है। फिर जब यही संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमण कर देता है। इससे यह बीमारी फैलती जाती है और संक्रमित मच्छर जितने भी लोगों को काटता है, उन्हें संक्रमित करता रहता है। यह बीमारी व्यस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लेती है।

डेंगू बुखार के बारे में विस्तृत जानकारी से पता चलता है कि ये चार तरह के वायरस के कारण होता है। इनमें सभी वायरस एडीज़ एजिप्टी (Aedes aegypti) या फिर एडीज़ एल्बोपिक्टर (Aedes albopictus)  मच्छर की प्रजातियों के जरिए फैलते हैं। डॉ. रविंद्र गुलाटी का कहना है कि डेंगू वायरस में चार अलग-अलग सेरोटाइप (DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4) शामिल होते हैं। जो कि जीन्स फ्लेवीवायरस, फैमिली फ्लेविविरिडे (Flaviviridae) से संबंधित हैं।  यह बीमारी उन इलाकों में ज्यादा तेज़ी से फैलती है, जहां अधिक मच्छर पाए जाते हैं।

डेंगू बुखार के कारण

डेंगू बुखार फैलने के सबसे बड़े कारणों में शामिल है संक्रमित मच्छर द्वारा मरीज़ को काटा जाना। जिससे वायरस के संक्रमण मरीज़ के खून में शामिल हो जाते हैं। जिस दिन मरीज़ को वायरस से संक्रमित मच्छर काट लेता है, उसके 3-5 दिनों के भीतर ही इसके लक्षण दिखने लग जाते हैं। जिसमें मरीज़ को तेज़ बुखार आता है। इसके अलावा कई बार लक्षण दिखने में 3-10 दिन भी लग जाते हैं।

इसके अलावा डेंगू के फैलने के बाकी कारण वातावरण से जुड़े भी हैं। जैसे अपने आसपास की साफ-सफाई न रखना। इससे भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है। कूलर, घड़े या फिर किसी गड्ढे या गंदे नाले में भी मच्छर बड़ी तादात में पनपते हैं और डेंगू का कारण बन सकते हैं।

डेंगू उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है, जो इस बीमारी के संक्रमित इलाके में रह रहे हों और अपने बचाव के लिए किसी तरह का उपाय ना कर रहे हों। जैसे खुद को मच्छरों से बचाने के लिए हाथ और पैरों को ढक कर रखना और मच्छर से बचने के लिए बाज़ार में उपलब्ध क्रीम का इस्तेमाल करना। इसके साथ ही घर में भी मच्छरदानी का इस्तेमाल करना काफी ज़रूरी है, ऐसा न करने से भी मच्छर घर में प्रवेश कर लेते हैं और संबंधित शख्स को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए मच्छरों से खुद को बचाने के लिए सतर्कता बरतना भी काफी ज़रूरी है।


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