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Afebrile Dengue: एफेब्रिल डेंगू क्या है, जानें इससे बचाव के आसान तरीके

Afebrile Dengue बिना बुखार से होने वाले डेंगू को ही एफेब्रिल डेंगू कहा जाता है। इसका आमतौर पर बुज़ुर्गों मधुमेह कैंसर और रक्तचाप के मरीज़ों को होने का ख़तरा ज़्यादा होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 12:36 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 01:59 PM (IST)
Afebrile Dengue: एफेब्रिल डेंगू क्या है, जानें इससे बचाव के आसान तरीके
Afebrile Dengue: एफेब्रिल डेंगू क्या है, जानें इससे बचाव के आसान तरीके

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Afebrile Dengue: आम तौर पर देखा गया है कि डेंगू के मच्छर के काटने पर या डेंगू होने पर सबसे प्रमुख लक्षण होता है तेज़ बुखार का आना, लेकिन अब डेंगू की नई जांच से पता चला है कि डेंगू बिना बुखार के भी हो सकता है जो की काफी चिंताजनक विषय है। इसमें लक्षण भी आम डेंगू से काफी अलग होते हैं। बिना बुखार से होने वाले डेंगू को ही चिकित्सी भाषा में एफेब्रिल डेंगू कहा जाता है।

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ये एफेब्रिल डेंगू आमतौर पर बुज़ुर्गों, मधुमेह, कैंसर और रक्तचाप के मरीज़ों को होने का ख़तरा ज़्यादा रहता है। इसके साथ ही जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और जिनका हाल ही में कोई बड़ा ट्रांसप्लांट हुआ है उनका भी इससे संभल कर रहना आवश्यक है। 

एफेब्रिल डेंगू के लक्षण भी बहुत कम और काफी अलग देखने को मिलते हैं जिससे ये बीमारी बहुत ख़तरनाक साबित हो सकती है। ऐसा देखा गया है कि लक्षण में कमी के कारण एफेब्रिल डेंगू के मरीज़ों द्वारा बहुत लापरवाही बरती जाती है।

एफेब्रिल डेंगू के लक्षण 

- एफेब्रिल डेंगू होने से शरीर में ज़्यादा तेज़ बुखार नहीं आता। 

- जोड़ों में या मासपेशियों में भी ज़्यादा दर्द नहीं होता। 

- शरीर में कहीं भी रेशेज़ या चकत्ते नहीं होते।

- इसमें अन्य लक्षण भी सामान्य वायरल की तरह ही दिखते हैं।

लेकिन खून की जांच करने के बाद प्लेटेलेट्स और लाल और सफ़ेद रक्त कोशिकाओं में भारी कमी देखने को मिलती है।

चिकित्सकों के अनुसार, जुलाई से अक्टूबर के बीच में अगर ये लक्षण देखने को मिलें तो उन्हें ज़रूर जांच करवानी चाहिए क्योंकि मौजूदा मौसम में ही एफेब्रिल डेंगू का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है।

एफेब्रिल डेंगू से बचाव 

- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय का जूस, तुलसी के पानी का सेवन लाभदायक साबित होता है।

- अदरक वाली चाय और ग्रीन-टी का सेवन करने से भी लाभ मिलता है।

- विटामिन-सी वाले फल खाने से आपकी इम्युनिटी बढ़ती है और इससे आपकी रक्षा होती है।

- संतुलित आहार का सेवन करने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है |

- तरल और द्रव्य पदार्थ का सेवन करना भी लाबदायक होगा।

- हल्दी एक अच्छी एंटीबायोटिक है इसलिए हल्दी का दूध पीना भी एक बहुत अच्छा उपाय है।

- पपीते का जूस या पपीता खाएं, ये ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ाता है।

- नारियल का पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है। 

एफेब्रिल डेंगू की रोकथाम

एफेब्रिल डेंगू भी मच्छरों के काटने से ही होता है, इसलिए वो सारे रोकथाम जो मच्छरों को अपने से दूर कर सकते हैं आपको उनका प्रयोग करना चाहिए जैसे : 

• दिन में मच्छर के काटने से बचने वाले उत्पादों का प्रयोग कीजिए।

• रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं।

• बाहर जाते समय पूरी बांह और लंबी पैंट आदि कपड़ों का प्रयोग करें। शरीर को मच्छर के काटने से बचाने के लिए कीटनाशक उत्पादों का प्रयोग करें। 

• मच्छरों की प्रजनन क्षमता को कम करने के लिए पानी के कंटेनर को हमेशा ठीक तरह से कवर करके रखें।

• घरों मे कहीं पर भी एक जगह कई दिनों तक पानी इकाट्ठा नहीं होने दें क्योंकि मच्छरों की प्रजनन दर पानी में बढ़ जाती है। 

अगर आप इन सभी बातों को ध्यान में रखेंगे तो इस मौसम में आप खुद को और अपने परिवार को डेंगू जैसी बीमारियों से बचा सकते हैं।


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