Monkeypox virus: यूरोप में बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले, संक्रमण क इन संकेतों पर रखें नज़र!
Monkeypox virus कोरोना वायरस महामारी के बीच मंकीपॉक्स वायरस ने भी यूरोप में हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। इस संक्रमण के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। ऐसे में संक्रमण पर काबू पाने के लिए इसके संकेतों और लक्षणों के बारे में जानना ज़रूरी हो गया है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monkeypox virus: मंकीपॉक्स के मामले यूरोप में बढ़ते चले जा रहे हैं। इससे संक्रमित ज़्यादातर मरीज़ युवा पुरुषों हैं। यूरोप में ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। बुधवार को, अमेरिकी अधिकारियों ने एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के एक मामले की सूचना दी, जिसने हाल ही में कनाडा की यात्रा की थी, जहां अधिकारी संभावित संक्रमणों की जांच कर रहे हैं।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर या तौलिए को छूने से फैल सकता है। मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के फफोले या चकत्तों को छूने से भी फैल सकता है। मंकीपॉक्स रैश वाले व्यक्ति के खांसने या छींकने से भी उसके आसपास के लोगों में वायरस फैल सकता है।
संक्रमित होने पर कैसे लक्षण दिखते हैं?
इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ में दर्द, सूजी हुई लसीका ग्रंथियां, ठंड लगना और थकावट। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे शरीर पर किसी भी असामान्य चकत्ते या घावों के प्रति सतर्क रहें, विशेष रूप से जननांगों में। चकत्ते अक्सर चेहरे से शुरू होते हैं और फिर शरीर के किसी भी अंग तक फैल सकते हैं। चकत्ते जब उभरना शुरू होते हैं, तो वे चिकनपॉक्स या सिफिलिस रैश जैसे दिखते हैं।
संक्रमण और ठीक होने में कितना समय लगता है?
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के 7 से 14 दिनों के अंदर लक्षण नज़र आ सकते हैं। बुखार के 1 से 3 दिनों बाद मरीज़ की त्वचा पर चकत्ते देखे जा सकते हैं। यह बीमारी हल्की मानी जाती है और ज़्यादातर लोग 4 हफ्तों में रिकवर हो जाते हैं। हालांकि, जो लोग संक्रमित होते हैं उन्हें स्पेशल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले।
क्या इससे बचाव संभव है?
मंकीपॉक्स वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए कई तरह की सावधानियां बरती जा सकती हैं। अमेरिका के CDC की सलाह है कि उन जानवरों के संपर्क में आने से बचें जिनसे वायरस का ख़तरा हो सकता है। किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री, जैसे बिस्तर, से भी संपर्क से बचना चाहिए। किसी बीमार जानवर के किसी भी सामान जैसे कि बिस्तर के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
सीडीसी का यह भी कहना है कि संक्रमित मरीज़ों को अन्य लोगों से अलग रखना चाहिए, जिन्हें संक्रमण का ख़तरा हो सकता है। लोगों को हाथों की सफाई का ख्याल रखना चाहिए, खासतौर पर संक्रमित जानवरों या मनु्ष्यों के संपर्क में आने के बाद।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।