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बीमारियों से बचने के लिए बहुत कम लोग रखते हैं सावधानियां, Numr रिसर्च में सामने आईं ये खास बातें

Numr के अनुसार भारतीय अपने सेहत को लेकर सजग हो रहे हैं लेकिन वो बीमारियों से बचे रहने के लिए किसी तरह की कोई सावधानियां नहीं बरतते।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 06:00 PM (IST)
बीमारियों से बचने के लिए बहुत कम लोग रखते हैं सावधानियां, Numr रिसर्च में सामने आईं ये खास बातें
बीमारियों से बचने के लिए बहुत कम लोग रखते हैं सावधानियां, Numr रिसर्च में सामने आईं ये खास बातें

हाल ही में Numr द्वारा की गई एक रिसर्च में पता चला है कि टॉप 8 शहरों के 80 प्रतिशत लोग बीमारियों से दूर रहने के लिए अपने लाइफस्टाइल में तरह-तरह के बदलाव कर रहे हैं। वहीं, 16 प्रतिशत पुरुषों और 23 प्रतिशत महिलाओं ने माना है कि वो बीमारियों से बचने के लिए किसी तरह की कोई सावधानियां नहीं बरतते। Indian Council of Medical Research (ICMR) की 'India: Health of the Nation’s States’  की रिर्पोट के अनुसार, कई तरह की स्वास्थ्य योजनाओं के बावजूद भारत में पिछले कुछ सालों से बीमारियों का स्तर घटने की बजाय काफी बढ़ गया है, जो एक गंभीर मुद्दा है।  

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हाल ही में, भारत में सेहत और फिटनेस को लेकर बहुत जागरूकता आई है। जिसमें सबसे ज्यादा सुधार खानपान की आदतों में देखने को मिल रहा है। 64% लोग शारीरिक गतिविधियों जैसे, स्पोर्टस, साइकिलिंग, एक्सरसाइज, जिम और योग को अपने लाइफस्टाइल का जरूरी हिस्सा बना रहे हैं। वहीं, 50 % लोग पूरी तरह से हेल्दी डाइट फॉलो कर रहे हैं जबकि सिर्फ 26% लोग हेल्थ चेकअप को लेकर जागरूक हैं। साथ ही 18% लोग ये सभी हेल्दी रूटीन मेंटेंन करते हैं, हालांकि उन लोगों की संख्या सिर्फ 2% है, जो इनमें से कुछ भी नहीं करते। 

 

Numr ने इन टॉप 8 शहरों के महीने भर में होने वाले स्वास्थ्य खर्चों की भी एक रिर्पोट जारी की है, जिसमें सबसे ज्यादा 36% वे लोग हैं, जिन्होंने महज 1 से 2 हजार ही खर्च किए हैं।    

- 20% लोग मानते हैं कि स्वास्थ्य के ऊपर उनका मासिक खर्च 1 हजार से भी कम है। 

- दूसरे 20% लोगों ने दावा किया कि उनका खर्चा 3 से 4 हजार के बीच रहा।

- 15% ने माना कि उनका खर्चा 4 से 5 हजार के बीच था।

- 9% लोगों ने माना कि उन्होंने बीमारियों से बचने और सेहतमंद रहने के लिए 5 हजार से ऊपर खर्च किया।

- 33% लोग जिनकी उम्र 22 से 35 के बीच थी, ने माना कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर 4 हजार से ज्यादा खर्च किया।   

- 24%  लोग जिनकी उम्र 36 – 45 साल के बीच थी उन्होंने भी इस बात को स्वीकारा।

- सिर्फ 5% लोग जिनकी उम्र 45 साल थी उन्होंने माना कि उनका स्वास्थ्य पर मासिक खर्च 4 हजार से ज्यादा रहा।

वहीं, दिल्ली में रिपोर्ट के अनुसार यहां सबसे ज्यादा सेहत पर खर्च करने वाले लोग शामिल रहे। दिल्ली में 35% से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनका मासिक खर्च 4 हजार रुपए से ज्यादा था जबकि कोलकाता में सबसे कम 18% का आंकड़ा रहा। 

जैसा कि सर्वे में पता चलता है कि भारत में रोग निवारक सेहत के प्रति सकरात्मक बदलाव आ रहा है। खासतौर पर शहरी वर्ग में स्वास्थ्य परक तरीकों में काफी तेजी आई है। 

‘Indian Habit of Being Healthy’ नाम की रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक रोग निवारक स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुमानित 100 बिलियन डॉलर की बढोत्तरी हो सकती है, जबकि इसपर 18% की का उछाल आने की भी उम्मीद है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के उपभोग की बात करें तो, 30%, फिटनेस पर 27% में तेजी के साथ इस क्षेत्र के कई दूसरे हिस्सों में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है।


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