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Treatment for Bruxism: क्या आप भी नींद में पीसते हैं अपने दांत? तो जानें इस समस्या से छुटकारा पाने के 7 तरीके

Treatment for Bruxism नींद में दांत पीसने की कई वजहें हो सकती हैं। डर एंजाइटी थकान या फिर ब्रुक्सिज्म। ब्रुक्सिज्म एक ऐसी बीमारी है जिसे पहचानना मुश्किल होता है। ब्रुक्सिज्म में लोगों को दांत पीसने की आदत पड़ जाती है जिसकी वजह से दांत घिस जाते हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghPublished: Sat, 28 Jan 2023 09:35 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2023 09:35 AM (IST)
Treatment for Bruxism: क्या आप भी नींद में पीसते हैं अपने दांत? तो जानें इस समस्या से छुटकारा पाने के 7 तरीके
Treatment for Bruxism: नींद में पीसते हैं अपने दांत? तो जानें इस समस्या से छुटकारा पाने के तरीके

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Treatment for Bruxism: जब दांत को बिना इच्छा के, अचेत अवस्था में पीसा जाता है तो इसे 'ब्रुक्सिज्म' कहा जाता है। ब्रुक्सिज्म जागते समय हो सकता है, और तब इसे जाग्रत या डिउरनल ब्रुक्सिज्म कहा जाता है और नींद के दौरान दांत पीसने को नॉक्टर्नल ब्रुक्सिज्म के रूप में जाना जाता है। ब्रुक्सिज्म क्यों होता है अभी इसका मुख्य कारण नहीं पता चल पाया है। लेकिन इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं।

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ब्रुक्सिज्म के मैनेजमेंट के लिए 3 कोणीय दृष्टिकोण को अपनाने की सलाह दी जाती है। पहला है एक ऑक्लूसल स्प्लिंट का

उपयोग करना, यह एक हार्ड ऐक्रेलिक-राल उपकरण होता है। दांतों में इसके लगे रहने से दांत नही पीसा जा सकता  है,

जिससे दांत को होने वाली डैमेजिंग को रोका जा सकता है। डिसऑर्डर, रिलैक्सेशन, लाइफस्टाइल, नींद, साफ़-सफाई के बारे में मरीजों को जागरूकता रहना चाहिए। गंभीर मामलों में और थोड़े समय के लिए दवाओं के उपयोग के बारे में मरीजों को जानकारी रहनी चाहिए। दवाएं तभी खानी चाहिए जब साइकोलॉजिकल मेथड्स और ओक्लुजल डिवाइस असर न दिखा

पाएं।

1- स्प्लिंट्स और माउथ गार्ड्स

इन्हें दांतों को अलग रखने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है ताकि क्लेंचिंग और ग्राइंडिंग से होने वाले नुकसान से दांतों को नुकसान होने से बचाया जा सके।

2- दांतों में सुधार

गंभीर केस में जब दांत घिसने से सेंसिटिविटी या ठीक से चबाने में असमर्थता हो जाती है तो दंत चिकित्सक दांतों की चबाने वाली सतहों को फिर से नया आकार दे सकते हैं।

3- स्ट्रेस एंड एंग्जाइटी मैनेजमेंट

अगर आप स्ट्रेस (तनाव) के कारण अपने दांत पीसते हैं, तो आप रिलैक्सेशन की तरीकों को अपनाकर इस समस्या को रोक सकते हैं। इसके लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं क्योंकि मेडिटेशन से स्ट्रेस कम होता है। अगर ब्रुक्सिज्म स्ट्रेस से संबंधित है, तो लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर या कंसल्टेंट से सलाह लें।

4- व्यवहारिक बदलाव

एक बार जब आपको पता चल जाए कि आपको ब्रुक्सिज्म की समस्या है, तो आप मुंह और जबड़े को उचित स्थिति में रखने का अभ्यास करके व्यवहार को बदल सकते हैं। अपने दंत चिकित्सक से अपने मुंह और जबड़े के लिए सबसे अच्छी स्थिति दिखाने के लिए कहें।

5- बायोफीडबैक

अगर आपको अपनी आदतों को बदलने में कठिनाई हो रही है, तो आप बायोफीडबैक से लाभान्वित हो सकते हैं। यह एक ऐसी विधि है जो आपके जबड़े में मांसपेशियों की गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए आपको सिखाने के लिए निगरानी प्रक्रियाओं और उपकरणों का उपयोग करती है।

6- मांसपेशियों को आराम देना

कुछ मामलों में आपका डॉक्टर थोड़े समय के लिए सोने से पहले मसल रिलैक्स करने की सलाह दे सकता है।

7- बोटोक्स इंजेक्शन

बोटॉक्स के इंजेक्शन, बोटुलिनम विष का एक रूप होते हैं जो गंभीर ब्रुक्सिज्म से पीड़ित लोगों की मदद कर सकते हैं। जिन व्यक्तियों में अन्य इलाज का कोई फायदा नहीं पहुंचता है, वहां पर बोटोक्स इंजेक्शन दिया जाता है।  

(उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद के कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ शाहिद शैफी से बातचीत पर आधारित)

Pic credit- freepik


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