Dengue Prevention: डेंगू से खुद को बचाएं, रखें इन बातों का ध्यान और रहें स्वस्थ!
कोई भी व्यक्ति अपने पूरे जीवन में सिर्फ़ एक बार ही डेंगू से संक्रमित हो सकता है।डेंगू की पहचान इससे जुड़े लक्षणों से की जा सकती है। आइये जानते हैं डेंगू से जुड़े लक्षणों के बारे में।
नई दिल्ली, जेएनएन। डेंगू बुखार एक ऐसी महामारी का रूप लेता जा रहा है जो दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों के लिए जानलेवा साबित होता है। लेकिन डेंगू से जुड़ी सबसे खतरनाक बात ये है कि इस बीमारी की चपेट में बच्चे बहुत ही आसानी से आ जाते हैं। डेंगू बुखार की पहचान इससे जुड़े लक्षणों से की जा सकती है, आइये जानते हैं डेंगू से जुड़े लक्षणों के बारे में:
- डेंगू बुखार के लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है तेज़ बुखार आना और ठंड लगना।
- ब्लड प्रेशर का सामान्य से बेहद ही कम हो जाना
- मांसपेशियों, जोड़ों, सर और पूरे शरीर में दर्द होना।
- शारीरिक कमज़ोरी आना, भूख न लगना
- डेंगू के दौरान पूरे शरीर पर रैशेज़ भी हो सकते हैं।
- डेंगू के दौरान तेज़ बुखार 3-4 दिनों तक बना रहता है, इसके साथ कई बार पेट दर्द की शिकायत भी होती है और उल्टियां भी होने लगती है।
डेंगू के मामले में मृत्युदर लगभग एक प्रतिशत के आसपास है। डेंगू बरसात के मौसम में तेज़ी से फैलता है। ऐसे में ज़रुरी हो जाता है कि आप इस मौसम में सतर्क रहें। अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें और साफ़-सफ़ाई का ख़ास ध्यान रखें। अगर किसी को भी तेज़ बुखार और डेंगू से जुड़े लक्षण दिखाए देते हैं तो सबसे पहले खून की जांच कराएं। डेंगू के कई प्रकार हैं, आइये जानते हैं।
डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं। कोई भी व्यक्ति उसके पूरे जीवन में सिर्फ़ एक बार ही किसी ख़ास तरह के डेंगू से संक्रमित हो सकता है।
इन्हीं चार तरह के डेंगू में एक है क्लासिक डेंगू, जो एक साधारण डेंगू बुखार है जो खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है और यह जानलेवा नहीं होता। हालांकि इस डेंगू से संक्रमित लोगों को भी अपने स्वास्थ्य का ख़ास ख्याल रखने की ज़रुरत होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति डेंगू हीमोरेजिक या डेंगू शॉक सिंड्रोम से संक्रमित है, तो ऐसे में उस व्यक्ति को सही इलाज की ज़रुरत है जिसके न मिलने पर उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
डेंगू से बचाव का सबसे आसान तरीका यही है कि आप डेंगू की रोकथाम करें और इसे फैलने से बचाएं। आइये जानते हैं डेंगू कैसे फैलता है।
- हमारे शहरों में बरसात के मौसम में जल जमाव एक बेहद ही आम बात है, ऐसे में जमा हुए पानी में पनपने वाले मच्छर ही डेंगू की वजह बनते हैं।
- डेंगू का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं हो सकता, लेकिन एक मच्छर डेंगू वायरस का वाहक बन सकता है और स्वस्थ व्यक्ति को डेंगू संक्रमित कर सकता है।
- डेंगू ऐसे लोगों को अपना शिकार आसानी से बना लेता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में डेंगू की रोकथाम के लिए व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सुधारना होगा।
- डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है और इन मच्छरों को एडीज़ इजिप्टी कहते हैं।
डेंगू बुखार किसी भी उम्र के स्वस्थ व्यक्ति या बच्चे को हो सकता है। अगर किसी को भी डेंगू हो जाता है तो घबराने की ज़रुरत नहीं है, डेंगू का इलाज संभव है, आइये जानते हैं डेंगू के उपचार और इससे बचने के उपायों के बारे में।
- डेंगू एक वायरल संक्रमण है लिहाज़ा यह बीमारी खुद-ब-खुद कुछ ही हफ़्तों में ठीक हो जाती है। बीमारी के दौरान अपने खान-पान और साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें।
- डेंगू की बीमारी का इलाज इससे जुड़े लक्षणों को कम करके ही किया जाता है। ऐसे में लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टरी परामर्श लें।
- डेंगू के दौरान बुखार के लिए बाज़ार में मिलने वाली पैरासिटामॉल ही लें, किसी भी अन्य दवा का सेवन बिना डॉक्टरी सलाह लिए न करें।
ऐसे करें डेंगू की रोकथाम
- डेंगू की रोकथाम का सबसे पहला और जरूरी कदम यही है कि आप मच्छरों को पैदा होने से रोकें।
- अपने घर के आसपास जल जमाव न होने दें, कूलर के पानी को हर हफ़्ते बदलें, गमले और छत पर पड़े डिब्बे, टायरों और पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इस तरह आप मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।
- घर में साफ़-सफ़ाई रखें, हो सके तो घर में मॉस्किटो रेपेलेंट का छिड़काव करें या आप मच्छरों से बचने के लिए मच्छर-दानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। साथ ही बाज़ार में मच्छरों से बचने के लिए क्रीम भी आसानी से उपलब्ध हैं।