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शोध का दावा, इस तरह के डॉक्टरों को रोगियों से कम होती है सहानुभूति!

हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन डॉक्टरों की नींद पूरी नहीं हो पाती वे न सिर्फ अपने मरीजों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं बल्कि उनका व्यवहार भी काफी हद तक प्रभावित होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 04:15 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 09:54 AM (IST)
शोध का दावा, इस तरह के डॉक्टरों को रोगियों से कम होती है सहानुभूति!
नींद में कमी वाले डाक्टरों की रोगियों से कम होती है सहानुभूति

कोलंबिया, एएनआई। यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन और इजराइल के शोधकर्ताओं के एक हालिया अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पाया गया कि जिन डाक्टरों की नींद पूरी नहीं होती, वे न सिर्फ अपने मरीजों के प्रति कम संवेदनशील होते हैं, बल्कि इससे उनका व्यवहार भी प्रभावित होता है। शोध के निष्कर्ष प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुए थे।

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इस अध्ययन के लिए इजराइल के 31 ऐसे फिजिशियन डॉक्टरों पर परीक्षण किया गया, जिन्होंने अपना दिन शुरू ही किया था। जबकि 36 डॉक्टर ऐसे थे, जिन्होंने 26 घंटे काम किया था। परीक्षण के तहत डॉक्टर महिला रोगी के सिरदर्द का जबकि पुरुष रोगी के पीठ के दर्द का वर्णन करते हैं। इसके बाद डॉक्टरों से रोगियों के दर्द की भयावहता के बारे में सवाल किए गए और ये देखा गया कि उन्होंने इन मरीजों को क्या दवाएं लिखी हैं। इसमें पाया गया कि डॉक्टरों ने अपनी शिफ्ट पूरी करने वालों की तुलना में मरीजों के लिए काफी कम सहानुभूति दर्ज की।

इस अध्ययन के सह-लेखक डेविड गोजल, (एमडी) मैरी एम और हैरी एल स्मिथ ने एमयू स्कूल ऑफ मेडिसिन में चाइल्ड हेल्थ के अध्यक्ष का समर्थन किया। उन्होंने कहा, दर्द प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है, और रोगी के व्यक्तिपरक दर्द के बारे में डॉक्टर की धारणा पूर्वाग्रह के लिए अतिसंवेदनशील है। अपने निष्कर्षों को सत्यापित करने के लिए, शोधकर्ताओं ने 13,000 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड डिस्चार्ज नोटों का विश्लेषण किया, जिसमें इजराइल और अमेरिका के अस्पतालों में दर्द की शिकायतों के साथ आने वाले रोगियों को शामिल किया गया था। इजराइल में 11 फीसदी और अमेरिका में 9 फीसदी मामले सामने आए। गोजल ने कहा, ये परिणाम अधिक संरचित दर्द प्रबंधन दिशानिर्देशों को विकसित और कार्यान्वित करके और इस पूर्वाग्रह के बारे में चिकित्सकों को शिक्षित करने की आवश्यकता को उजागर करते हैं।

गोजल ने कहा कि अस्पतालों को चिकित्सक के काम के कार्यक्रम में बदलाव करने के बारे में भी विचार करना चाहिए, ताकि थकान और मरीज़ों के प्रति कम सहानुभूति से बचा जा सके। गोजल की एमयू अनुसंधान टीम में एमयू हेल्थ केयर में मूल्य-संचालित परिणामों और विश्लेषण के वरिष्ठ निदेशक कोबी क्लेमेंट्स और एसोसिएट रिसर्च प्रोफेसर एड्रिएन ओहलर (पीएचडी) शामिल थे।

Picture Courtesy: Freepik/Pexel


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