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Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े 6 मिथक, जिन पर लोग आज भी यकीन कर लेते हैं!

Coronavirus जब से कोरोना वायरस महामारी शुरू हुई तभी से सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई मिथक हमें सुनने को मिल रहे हैं। आज दो साल बाद भी कई ऐसे मिथक हैं जिनपर लोग विश्वास करते हैं। आइए जानें इन मिथकों की सच्चाई।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 05:52 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 05:52 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े 6 मिथक, जिन पर लोग आज भी यकीन कर लेते हैं!
Coronavirus: जानें कोरोना संक्रमण से जुड़े 6 मिथकों की सच्चाई

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus: महामारी को दो साल बीत गए हैं, लेकिन अब भी कई ऐसी चीज़ें हैं जिनके बारे में लोग सच्चाई से ज़्यादा मिथकों पर विश्वास करना पसंद करते हैं। महामारी ने हमें एक ही वातावरण में हमारे साथ रहने वाले सूक्ष्मजीवों के बारे में सावधान, जागरूक और अच्छी तरह से सूचित रहना सिखाया।

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हालांकि, कई विज्ञान समर्थित सिद्धांतों और कोविड के आसपास के रहस्य और अनसुलझे सवालों को सामने लाने के लिए अनुसंधान प्रयासों के बावजूद, हम में से कई लोग उन मिथकों पर विश्वास करना पसंद करते हैं जो संक्रमण, वैक्सीन और उपचार प्रक्रिया के बारे में चारों ओर फैले हुए हैं।

तो आइए जानें इन मिथकों की सच्चाई के बारे में:

1. बरसात में तेज़ी से फैलता है कोविड-19

यह तथ्य ग़लत है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण को जब भी मौका मिलेगा वह तेज़ी से फैलेगा। कोविड एक मौसमी संक्रमण नहीं है। कोरोना वायरस जिसकी वजह से कोविड संक्रमण होता है, वह हमेशा नए शिकार की तलाश में रहता है। जैसे ही उसे नया शिकार मिलता है वह तेज़ी से बढ़ता है और फैलता है।

2. कोविड वैक्सीन की वजह से मंकीपॉक्स फैल रहा है

नए संक्रमण के आने की वजह से नए-नए मिथक भी फैलने शुरू हो जाते हैं। आपको ऐसी-ऐसी बातें सुनने को मिलेंगी जिन पर आप आसानी से यकीन भी कर लेंगे। जून के महीने में सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट काफी शेयर की गई। अफवाह में कहा गया है कि एस्ट्राज़ेनेका जो कोविड वैक्सीन है, उसमें चिंपैंजी एडेनोवायरस वेक्टर का इस्तेमाल किया गया जो मंकीपॉक्स के प्रकोप के पीछे है। सच्चाई यह है कि एडेनोवायरस और पॉक्सवायरस समान नहीं हैं। हालांकि एस्ट्ऱेज़ेनेका अपने फॉर्मूले में एक चिंपैंजी एडिनोवायरस वेक्टर का उपयोग करता है, लेकिन इसे मानव शरीर के अंदर बढ़ने से रोकने के लिए उत्परिवर्तित किया गया है।

3. मांस और मछली से कोविड फैलता है

नहीं! मांस और मछली से वायरल इन्फेक्शन नहीं फैलता है। यहां तक कि जैसे ही एक व्यक्ति इस इन्फेक्श से उभरता है, उसको सलाह दी जाती है कि वह मछली और मीट का सेवन करे ताकि खोई ताकत वापस है और ज़िंदगी नॉर्मल हो सके। हालांकि, कच्चा मांस या मछली खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए इन चीज़ों को हमेशा अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।

4. जानवर कोविड संक्रमण फैला सकते हैं

महामारी की शुरुआत में, कोविड से जुड़ा एक मिथक काफी वायरल हो रहा था, जिसमें कहा गया था कि जंगली और पालतू जानवर इस संक्रमण को फला रहे हैं। हालांकि, रिसर्च ने इसे बिल्कुल गलत ठहराया।

5. कोविड की वैक्सीन बेकार है

महामारी के दो साल बाद भी कई लोग ऐसे हैं, जो इस बात पर यकीन करते हैं कि कोविड की वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और न ही यह कोविड से बचाती है। जबकि सच यह है कि ओमिक्रॉन की तीसरी लहर के दौरान कोविड के हल्के मामलों के पीछे वैक्सीन एक बड़ी वजह थी। इसकी वजह से अस्पतालों में काफी कम लोगों को भर्ती होना पड़ा।

6. औषधियों और मसालों का सेवन कोरोना को मार सकता है

औषधियों और मसाले मानव स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे होते हैं, जो मेटाबॉलिज़म को बढ़ाने के साथ इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं और शरीर के अंगों का काम बेहतर बनाते हैं। हालांकि, यह आपको कोरोना वायरस से नहीं बचा सकते। साथ ही इनका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन आपकी सेहत के लिए मुसीबत बन सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik/Pexel


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