Irregular Periods: इर्रेगुलर पीरियड्स और दर्द से परेशान हैं तो घर में इन 5 उपायों से करें उपचार
Irregular Periods तनाव का सीधा असर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस पर पड़ता है जिसके प्रभावित होने से पीरियड में अनियामित होती है। नियमित रूप से पीरियड्स नहीं आने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं इसलिए जरूरी है कि पीरियड को नियामित करने के लिए उपचार किया जाए।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पीरियड्स का अनियमित होना महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है। तनाव, हार्मोन्स का बदलाव पीरियड अनियामित होने का सबसे बड़ा कारण है। अधिक तनाव की वजह से अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक तनाव का सीधा असर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस पर पड़ता है, जिसके प्रभावित होने से पीरियड में अनियामित होती है। नियमित रूप से पीरियड्स नहीं आने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए जरूरी है कि पीरियड को नियामित करने के लिए उपचार किया जाए। आप घर में ही घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल करके पीरियड को रेगुलर कर सकते है। आइए जानते हैं कि पीरियड को रेगुलर करने के लिए किन-किन नुस्खों को अपनाएं।
दालचीनी बेहद असरदार है:
पीरियड को रेगुलर करने के लिए दालचीनी बेहद असरदार है। दालचीनी पीसीओएस के इलाज में मदद करती है, साथ ही पीरियड्स को नियमित करने में भी मदद करती है। आप दालचीनी का इस्तेमाल खाने में या चाय में डाल कर कर सकते है।
अदरक करेगी पीरियड रेगुलर:
अदरक पीरियड को नियमित करने में मदद करती है, साथ ही इम्यूनिटी भी इम्प्रूव करती है। पीरियड की तारीख शुरू होने से सात दिन पहले आप अदरक का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
अनानास का करें सेवन:
अनियमित पीरियड्स का उपचार करने के लिए अनानास का इस्तेमाल करें। अनानास में ब्रोमेलैन होता है,यह एंजाइम गर्भाशय की परत को नरम करता है और मासिक धर्म को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सेब का सिरका करें इस्तेमाल:
सेब का सिरका पीने से पीरियड को नियमित करने और पीसीओएस का इलाज करने में मदद मिलती है। सेब के सिरके का सेवन पतला करने के बाद ही करें।
जीरा भी है असरदार:
जीरे को रात में एक गिलास पानी में भीगो दें और सुबह इस पानी को गर्म करके पीएं। जीरा गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़कर और अनियमित पीरियड्स को ठीक करके मदद करता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।