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Scared Of Coronavirus?: कोरोना वायरस से डर और बेचैनी महसूस कर रहे हैं, तो करें ये 6 काम

Scared Of Coronavirus? कोरोना वायरस की वजह से लोगों को घरों में लॉकडाउन की स्थिति में रहना पड़ रहा है। ये स्थिति सभी के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 03:43 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 09:26 AM (IST)
Scared Of Coronavirus?: कोरोना वायरस से डर और बेचैनी महसूस कर रहे हैं, तो करें ये 6 काम
Scared Of Coronavirus?: कोरोना वायरस से डर और बेचैनी महसूस कर रहे हैं, तो करें ये 6 काम

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Scared Of Coronavirus?: कोरोना वायरस के कारण इस वक्त पूरी दुनिया गहरे संकट से गुज़र रही है। इस वायरस से अब तक 24 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, लगभग 5 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। जबकि एक लाख से अधिक लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है। भारत में भी अब तक तकरीबन 700 से ज़्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी दुनिया में लॉकडाउन है। इससे लोग डरे हुए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके लिए बेहतर क्या है और इस स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए। अगर आप भी इस तरह की दुविधा में फंसे हुए हैं तो आइए जानें कि लगातार आ रही बुरी खबरों से बेचैनी और डर को आप खुद से कैसे दूर रख सकते हैं।

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जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से लोगों को घरों में लॉकडाउन की स्थिति में रहना पड़ रहा है। ये स्थिति सभी के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है। ऐसे में जो लोग पहले से ही मानसिक और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर यानी OCD से गुज़र रहे थे, उनके लिए ये स्थिति और भी खराब है। ऐसे में सवाल ये है कि ऐसी स्थिति में भी अपने आपको डर और बेचैनी से कैसे बचाएं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक एडवाइज़री जारी कर लोगों को मांसिक स्वास्थ्य का खास ध्यान रखने की सलाह दी। इस बारे में ब्रिटेन के निक लिडबेटर का कहना है कि एंग्ज़ाइटी के समय डर आम बात है लेकिन कभी-कभी यह डर व्यक्ति को अधिक बेचैन कर जाता है।  

वहीं, ऐसा कई अध्ययन में पाया गया है कि कुछ लोगों को भविष्य की चीज़ों को लेकर अज्ञात डर होता है। हालांकि, इस डर की कोई समय सीमा नहीं होती है लेकिन उन्हें इसके होने का इंतज़ार रहता है। कोरोना वायरस लोगों को कुछ इस तरह ही डरा रहा है। आइए जानें डर और बेचैनी से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए।  

1. कोरोना वायरस से संबंधी खबरें कम पढ़ें

कोरोना वायरस से संबंधित अधिक न्यूज़ पढ़ने के कारण कई लोगों को पैनिक अटैक पड़ने शुरू हो गए। साथ ही बेचैनी भी होने लगती है। जब भी लोग इससे संबंधित ख़बरें पढ़ते हैं तो उसके दुष्परिणाम के बारे में सोचने लगते हैं। इससे बेचैनी बढ़ जाती है जो ओसीडी के भी लक्षण हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अगर आप खबरों से दूर रहेंगे तो आप उस परिस्थिति से बाहर निकल पाएंगे। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। इस समय सोशल मीडिया पर कई तरह की झूठी ख़बरें फैलाई जा रही हैं। इससे दूर रहने की ज़रूरत है। 

2. सोशल मीडिया से दूरी बनाएं 

हेल्थ एंग्ज़ाइटी से जूझ रहे लोगों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से सावधानियां बरतनी चाहिए। अक्सर लोग सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टॉपिक के हैशटेग पर क्लिक कर काफी कुछ पढ़ते चले जाते हैं। इसी क्रम में वो कई अनावश्यक चीज़ें भी पढ़ लेते हैं, जिससे उन्हें गुस्सा आने के साथ घबराहट होने लगती है। ऐसे में ज़रूरी है कि कुछ दिनों तक सोशल मीडिया से दूर रहें। आप चाहें तो समय-सीमा निर्धारित कर इसके नुकसान से बच सकते हैं। 

3. बार-बार हाथ धोने के फोबिये से बचें 

ऐसा देखा जा रहा है कि ओसीडी के मरीज़ों में कोरोना वायरस के संक्रमण का डर अधिक समा गया है। वह कहती हैं कि हाथ धोने की सलाह एंग्ज़ाइटी से बाहर निकल आए लोगों के लिए बड़ा ट्रिगर साबित हो सकती है।

4. अपनों से जुड़ने का सही समय 

सेल्फ-आइसोलेशन में जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में आप अपने करीबी दोस्तों या रिश्तेदारों को फोन करें, उनसे बातें करें। हो सके तो वीडियो कॉल करें। इससे दिमाग़ को काफी शांति मिलती है। ये एक अच्छा मौक़ा है बताने का कि आप उनकी केयर करते हैं।

अगर आप सेल्फ़-आइसोलेशन में हैं तो एक रूटीन लाने में संतुलन पैदा करें और यह सुनिश्चित करें कि हर दिन कुछ अलग हो।

5. ज़्यादा काम न करें

खासकर सेल्फ-आइसोलेशन के समय में अपने आपको एनर्जेटिक रखने के लिए ज़्यादा काम न करें। सुबह उठकर वर्कआउट या योग कर सकते हैं। जैसे ही कोई घबराहट हो उसे जानें और पहचानें। इस बेचैनी पर कोई रिएक्ट न करें बल्कि शांत होकर लंबी और गहरी सांसे लें। 

6. आगे बढ़ें 

हम तब तक आगे नहीं बढ़ पाते हैं, जब तक हम अतीत में जीते रहेंगे। ओसीडी से बचने का सबसे बेहतर तरीका आगे बढ़ना है। फालतू की चीज़ों पर ध्यान न दें। अगर मन में कोई खराब विचार पनपता भी है तो ये समझें कि वह अस्थायी है। उस विचार पर और ज़्यादा समय न ज़ाया करें। 


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